इंदिरा कला विश्वविद्यालय में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित स्थापना दिवस मेँ कार्यक्रम हुआ संपन्न
स्थापना दिवस : खैरागढ़ विश्वविद्यालय में रंगारंग कार्यक्रम, विद्यार्थियों की अद्भुत प्रस्तुतियों से गूंजता रहा ऑडिटोरियम • कुलपति डॉ. ममता (मोक्षदा) चंद्राकर ने दी बधाई और शुभकामनाएं. • कुलपति निवास के सामने राजा रानी और राजकुमारी इंदिरा की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद हुआ संबोधन और कुलगीत. • पूरे उत्साह के साथ स्थापना दिवस कार्यक्रम का सहभागी बना विश्वविद्यालय परिवार.
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में रंगारंग कार्यक्रम, विद्यार्थियों की अद्भुत प्रस्तुतियों से गूंजता रहा ऑडिटोरियम
स्थापना दिवस पर कलाकारों ने छोडी अमिट छाप
• कुलपति डॉ. ममता (मोक्षदा) चंद्राकर ने दी बधाई और शुभकामनाएं.
• कुलपति निवास के सामने राजा रानी और राजकुमारी इंदिरा की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद हुआ संबोधन और कुलगीत.
• पूरे उत्साह के साथ स्थापना दिवस कार्यक्रम का सहभागी बना विश्वविद्यालय परिवार.
खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में स्थापना दिवस समारोह 14 अक्टूबर 2023 को मनाया गया। इस अवसर पर कुलपति पद्मश्री डॉ. ममता (मोक्षदा) चंद्राकर ने संस्थापक राजा बीरेंद्र बहादुर सिंह, रानी पद्मावती देवी सिंह और राजकुमारी इंदिरा जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में कुलपति ने संस्थापक परिवार का स्मरण करते हुए कहा कि उनके त्याग और दूरदर्शिता के कारण यह विश्वविद्यालय आज उपलब्धियों और सफलता के इस स्थान पर है। उन्होंने सभी से अपील की, कि इस विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए जिससे जितना संभव हो, उतना योगदान अवश्य दें। उन्होंने सभी को स्थापना दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर संगीत संकाय के विद्यार्थियों ने कुलगीत की प्रस्तुति दी। जिसमें गायन में राहुल चौहान, अजय यादव, श्रेयस नेमाड़, अवनीश गुप्ता, प्रथा रामटेके, सुप्रिया मंडल और ज्योति साहू ने जबकि सरोद पर रोहन मालवीया, वायलिन पर मानस मयंक, तबले पर नेहरू दास महंत, कीबोर्ड पर लक्ष्मीकांत साहू, बांसुरी पर सौरव पटेल, गिटार पर श्रद्धा बिरनवार और हारमोनियम पर विवेक कुमार ने शानदार संगत किया। यह प्रस्तुति विवेक कुमार के निर्देशन में दी गई। प्रो डॉ. राजन यादव ने कार्यक्रम का संचालन किया।
स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर श्रुति मंडल कार्यक्रम के अंतर्गत 'स्व. राजकुमारी इंदिरा जी को समर्पित' प्रस्तुतियां दी गईं। इसके अंतर्गत लोकगाथा पंडवानी की प्रस्तुति हर्ष चंद्राकर ने दी, जिसके संगीत पक्ष में जानेश्वर टांडिया, वेद प्रकाश रावटे, टाहल साहू, सूरज ठाकुर, करण ने संगत किया। इसके बाद जसगीत की प्रस्तुति दी गई, जिसमें प्रीति रात्रे, यामिनी गौतम, शैल कुमारी पटेल, हर्षा साहू, साक्षी, सुमन बेरवंशी, लुभाष पटेल, सुधा, ईशा बघेल ने गायन पक्ष में जबकि संगीत पक्ष में डॉ. बिहारी तारम, डॉ. नत्थू तोड़े, रामचंद्र सर्पे, डॉ. परमानंद पांडे, जानेश्वर टांडिया ने संगत किया।
इस अवसर पर लोक नृत्यों की भी प्रस्तुति दी गई
। लोक संगीत विभाग के विद्यार्थियों ने बैगा, सरहुल और देवार कर्मा नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। इसमें कविता कुंभकार, प्रीति खलखो, पूर्णिमा राना, पूजा देवांगन, लुकेश्वरी मानिकपुरी, सुमन वर्मा, लक्ष्मी सिन्हा, सरिता यादव, प्रज्ञा परगनिहा, वंदना, अमीषा घोष, निशा ठाकुर, झरना, खुशी वर्मा, चंद्रप्रकाश साहू, रोशन रजक, रिंकू वर्मा, जीनु राम, सिद्धार्थ दिवाकर, सुमित राजपूत, डेरहु, सूरज ठाकुर, खोमन राठौर, आदित्य जैन, तारण निषाद ने नृत्य की प्रस्तुति दी, वहीं यामिनी गौतम, हर्षा साहू, हर्ष चंद्राकर और खिलेश ने गायन में संगत किया। कार्यक्रम का संचालन अमीषा घोष ने, श्रद्धा सुमन वाचन नम्रता अलेंद्र ने किया। इस अवसर पर प्रभारी कुलसचिव प्रो डॉ. काशीनाथ तिवारी, प्रसिद्ध कला मर्मज्ञ और फिल्म डायरेक्टर प्रेम चंद्राकर, समस्त अधिष्ठातागण और विश्वविद्यालय परिवार शामिल हुआ।