कृषि विभाग में गड़बड़झाला बगैर GST के चल रही छेत्र में कृषि की दुकानें
कृषि विभाग में गड़बड़झाला बगैर GST के चल रही छेत्र में कृषि की दुकानें शासन को लग रहा लाखों का चूना कृषि विभाग में एक दुकान और कई गोदाम एक लायसेंस से अन्य दुकानें भी संचालित
कृषि विभाग में गड़बड़झाला बगैर GST के चल रही छेत्र में कृषि की दुकानें
शासन को लग रहा लाखों का चूना
कृषि विभाग में चल रहा गोलमाल का खेल
एक दुकान और कई गोदाम एक लायसेंस से अन्य दुकानें भी संचालित
छुईखदान==कृषि विभाग छुईखदान में इन दिनों भर्राशाही का खेल” ज़ोरों पर है।क्योंकि यहां पर जिम्मेदार अधिकारी नहीं होने के कारण पूरे छुईखदान में कृषि समानों को बिक्री में बड़ा खेल चल रहा है जिसे लेकर छेत्र में अवैध खाद्य उत्पादकों की भर्राशाही मचा हुआ है।
छेत्र में 218 कृषि की दुकानें और 100 जीएस टी विक्रेता बाकी सब गोलमाल है
कृषि विभाग की माने तो इस छेत्र में कृषि समान विक्रय हेतु 218 रजिस्टर्ड दुकानें कृषि विभाग से अनुपति प्राप्त दुकानें है जहा पर शासन द्वारा इन्हें कृषि से जुड़े उपक्रम दवाइयां खाद्य और बीज विक्रय करने हेतु अधिकृत किया गया है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत सारे दुकान घर से संचालित हो रहे है जिसके ऊपर कृषि विभाग अभी तक कार्यवाही नहीं सकी है।या यह कहा जाए कि इनके ऊपर कार्यवाही करने से ये डरते है या ये दुकानें इनके शरण से संचालित हो रहा हो।यहां पर यह भी कहा जा रहा है कि इन दुकानों में विक्रय होने वाली दवाइयां या खाद्य बीज उपकरण इनके सांठ गांठ से चल रहा हो।इस छेत्र में वैसे तो सभी दुकानों में जीएसटी की अनिवार्यता है ।लेखी 218 लायसेंसी दुकानों में से 100 से ज्यादा दुकानें बगैर जीएसटी के संचालित होने की जानकारी मिली है ।इस संबंध में विभागीय कर्मचारियों से जानकारी चाहो गई तो उनका जवाब गोलमोल रहा।जो इस छेत्र में शासन को लाखों रुपए का चुना लगा रहा है।
एक दुकान का लायसेंस में कई गोदाम संचालित
इस संबंध में पता चला है कि एक दुकान के लायसेंस में कई गोदाम संचालित हो रहे है । विभागीय जानकारी अनुसार एक दुकान के लायसेंस से सिर्फ एक ही दुकान संचालित किया जा सकता है ।लेकिन छेत्र में चल रहे कृषि की दुकान में कई गोदाम संचालित होने की खबर है।
आरटीआई के तहत ली गई जानकारी अनुसार दस्तावेज़ों में सब कुछ पारदर्शी और व्यवस्थित दिखाया जा रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान कर रही है। जिसे लेकर शासन को लाखों का चुना लग रहा है
सूत्रों के मुताबिक, कई कृषि दुकानों पर बिना GST पंजीकरण के छेत्र में व्यापार चलाया जा रहा है। बीज, खाद, कीटनाशक जैसी जरूरी वस्तुएं बिना टैक्स बिल के बेची जा रही हैं। इस प्रक्रिया से शासन को हर महीने लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
बगैर बिल के थमाया जा रहा समान
बिना GST नंबर के कई दुकानों की निर्बाध बिक्री होने के कारण उपभोक्ता को बगैर बिल या यू कहे कहे कच्चे बिल देकर नकद लेनदेन कर बिल की बजाय पर्ची या मौखिक हिसाब दिया जा रहा है।
विभागीय निरीक्षण केवल औपचारिकता तक सीमित
छेत्र में हो रहे अनियमितता को लेकर कृषि विभाग नींद में है और ऑफिस में बैठकर खाना पूर्ति किया जा रहा है।नए जिले निर्माण के बाद पुराने जिले के पते पर दुकान का संचालन दिखाया जा रहा है अभी भी लायसें





स को रिनिवल कर जिले में खैरागढ़ छुईखदान गंडई नहीं लिखा गया है जिसे लेकर कृषि विभाग को गंभीरता के साथ जांच कर कार्यवाही करे तो अवैध दुकानों की बाढ़ देखने को मिलेगा।
कृषि विभाग की नज़र इस पर नहीं है, या फिर मिलीभगत है ? किसानों को किस गुणवत्ता का सामान मिल रहा है, जब खरीद-बिक्री का कोई रिकॉर्ड ही नहीं ?