पानी ने किया धान की फसल बरबाद किसान परेशान
पानी ने किया धान की फसल बरबाद किसान परेशान “किसानों को फसल का मुआवजा दे सरकार” — गिरवर जंघेल 15 नवंबर से शुरू होगी धान खरीदी, लगातार बारिश से खेतों में भरा पानी सोयाबीन के बाद अब धान की फसल पर संकट, किसानों ने सरकार से मांगा मुआवजा
पानी ने किया धान की फसल बरबाद किसान परेशान
“किसानों को फसल का मुआवजा दे सरकार” — गिरवर जंघेल
15 नवंबर से शुरू होगी धान खरीदी, लगातार बारिश से खेतों में भरा पानी
सोयाबीन के बाद अब धान की फसल पर संकट, किसानों ने सरकार से मांगा मुआवजा
छुईखदान== क्षेत्र में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। पहले सोयाबीन की फसल अतिवृष्टि से बर्बाद हुई थी, और अब धान की फसल पर संकट मंडरा रहा है। खेतों में पानी भर जाने से धान के सड़ने की संभावना बढ़ गई है।धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू होने वाली है, लेकिन उससे पहले फसल खराब होने से किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
दीपावली के पहले हुई अतिवृष्टि ने किसानों को पहले ही झटका दिया था। अब एक बार फिर बे-मौसम वर्षा ने किसानों की नींद उड़ा दी है। खेतों में खड़ी फसल के डूबने से किसान हताश हैं और सरकार से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
किसान नेता एवं पूर्व विधायक गिरवर जंघेल ने कहा कि “क्षेत्र में सोयाबीन के बाद अब धान की फसल भी बर्बाद हो रही है, जिससे किसानों की कमर टूट गई है। मैं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से निवेदन करता हूं कि तत्काल सर्वे कराकर प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा प्रदान करें।”
“कर्ज के बोझ तले दब जाएंगे किसान” — देवराज किशोर दास
जिला किसान कांग्रेस के अध्यक्ष देवराज किशोर दास ने कहा कि प्रदेश के नवीन जिला में से एक खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में धान की खेती किसानों का मुख्य व्यवसाय है। बे-मौसम बारिश ने इस बार किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। यदि जल्द राहत नहीं दी गई तो किसान कर्ज के बोझ तले दब जाएंगे।”
???? किसानों की व्यथा : “धान पानी में सड़ गया, अब क्या करें?”
पैलिमेटा के किसान कैलाश शर्मा ने बताया कि खेतों में पानी भर जाने से उनकी पूरी धान की फसल बर्बाद हो गई है। उन्होंने कहा “अगर समय रहते मुआवजा नहीं मिला तो हम बर्बाद हो जाएंगे। प्रशासन जल्द राहत दे।”
स्थिति गंभीर=== राहत की आस
लगातार हुई वर्षा ने एक बार फिर किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। खेतों में खड़ी फसलें सड़ने लगी हैं और किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई है। अब पूरी उम्मीद प्रदेश सरकार और प्रशासन से है कि वह प्रभावित किसानों को शीघ्र राहत प्रदान करे ताकि वे अगली फसल की तैयारी कर सकें।



