कृषि विभाग छुईखदान का भवन सात साल में हुआ जर्जर

कृषि विभाग छुईखदान का भवन सात साल में हुआ जर्जर कर्मचारियों और किसानों को हो रही भारी परेशानी न पोताई न मरम्मत इसके लिए विभाग है जिम्मेदार

कृषि विभाग छुईखदान का भवन  सात साल में  हुआ जर्जर

कृषि विभाग छुईखदान का भवन सात साल में हुआ जर्जर 

कर्मचारियों और किसानों को हो रही भारी परेशानी

न पोताई न मरम्मत इसके लिए विभाग है जिम्मेदार 

छुईखदान=— कृषि विभाग छुईखदान का भवन को बने महज सात साल ही हुआ है, लेकिन इसकी हालत आज किसी जर्जर इमारत से कम नहीं दिख रही है। सीढ़ियां टूट चुकी हैं, रैंप खस्ताहाल है और बाथरूम की स्थिति इतनी बदतर है कि उपयोग करना मुश्किल हो गया है।

   ,,,,,,,,,,कार्यालय के सामने दलदल हितग्राही परेशान ,,,,,,

                  भवन के सामने कीचड़ का दलदल बना हुआ है, जिससे आने-जाने में न केवल कर्मचारियों को बल्कि रोज़मर्रा आने वाले किसानों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कार्यालय के अंदर भी स्थिति अस्त-व्यस्त है। कृषि से जुड़ी दवाइयां, बीज और उपकरण इधर-उधर बिखरे पड़े हैं, जिससे न केवल अव्यवस्था फैल रही है बल्कि सामग्री की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं।

       ,,,,, स्थानीय किसानों में नाराजगी,,,,

        स्थानीय किसान और आमजन इस स्थिति को लेकर काफी नाराज हैं। उनका कहना है कि कृषि विभाग से उन्हें सहयोग मिलने के बजाय परेशानी ही अधिक झेलनी पड़ रही है। विभाग का भवन ही अगर ठीक से कार्य नहीं कर पा रहा है तो सेवाओं की क्या उम्मीद की जाए? कार्यालय के अंदर इधर उधर बीज और खाद्य पड़ा रहता है।जिससे भी किसान परेशान है।

             ,,,,,प्रशासन की अनदेखी ? ,,,,,,,

         आम जनों का कहना है कई बार शिकायतों के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। अब सवाल उठता है कि लाखों की लागत से बने इस भवन की मरम्मत और रखरखाव की जिम्मेदारी कौन लेगा? ज्ञात हो कि भवन को निर्माण हुए अभी सिर्फ सात साल ही हुए है । जो कि 2017/18 में निर्माण उपरांत उक्त भवन में कार्यालय शिफ्ट हुआ था।इससे स्पष्ट होता है लाखों रुपए से निर्मित भवन देखरेख की अभाव के चलते जर्जर होने को मजबूर है।

      ,,,,,,,मांग की जा रही है जल्द सुधार की,,,,,,

        किसानों और कर्मचारियों की मांग है कि जल्द से जल्द भवन की मरम्मत कर इसे उपयोगी बनाया जाए, ताकि कृषि विभाग से मिलने वाली सेवाएं सही ढंग से आमजन तक पहुंच सकें। इस संबंध में यहां के प्रभारी के बारे में पता चला है कि वो खैरागढ़ में पदस्त है और यहां अतिरिक्त प्रभार है।जिसके कारण वो कभी कभी आते हैं।