बिना लाइसेंस चल रहा सूदखोरी (ब्याज) का धंधा

बिना लाइसेंस चल रहा सूदखोरी (ब्याज) का धंधा 5 से लेकर 10 प्रतिशत तक ब्याज और प्रतिदिन की ब्याज से युवा वर्ग सकते में साहूकारी और जुए के अड्डों में खुलेआम हो रही अवैध लेन-देन सूदखोरों के डर से बंद हो गया उनका व्यवसाय

बिना लाइसेंस चल रहा सूदखोरी (ब्याज) का धंधा

बिना लाइसेंस चल रहा सूदखोरी (ब्याज) का धंधा 

5 से लेकर 10 प्रतिशत तक ब्याज और प्रतिदिन की ब्याज से युवा वर्ग सकते में 

    साहूकारी और जुए के अड्डों में खुलेआम हो रही अवैध लेन-देन

            सूदखोरों के डर से बंद हो गया उनका व्यवसाय 

छुईखदान==छुईखदान नगर एवं क्षेत्र में अवैध रूप से चल रही साहूकारी और ब्याज पर पैसे देने का धंधा इन दिनों अपने चरम पर है। बिना किसी वैध लाइसेंस के चल रही यह काली कमाई की दुनिया अब एक संगठित रूप लेती जा रही है। लोगों को दो से लेकर दस प्रतिशत तक मासिक ब्याज दर पर पैसा दिया जा रहा है, वह भी बिना किसी लिखित दस्तावेज़ के, सिर्फ ज़बानी समझौते पर।

              ब्याज का शिकार बनते आम लोग

      इस गैरकानूनी वित्तीय लेन-देन का सबसे अधिक असर उन गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों पर पड़ रहा है, जो किसी ज़रूरत या आपात स्थिति में फंसकर इन साहूकारों के चंगुल में आ जाते हैं। एक बार कर्ज़ लेने के बाद, लोग वर्षों तक सिर्फ ब्याज चुकाते रहते हैं, मूलधन तो कभी उतरता ही नहीं।ब्याज में फंसे लोगों की हालत इतना खराब है कि वे नगर में छुप कर आना जाना करते है।

           जुए के अड्डों में ‘दैनिक ब्याज’ की प्रथा

 क्षेत्र के कुछ जुए के अड्डों में तो स्थिति और भी भयावह है। यहां लोगों को प्रतिदिन 10 प्रतिशत की ब्याज दर पर पैसे उधार दिए जा रहे हैं। इसका मतलब है कि अगर किसी ने ₹1,000 उधार लिए, तो अगले दिन ₹1,100 लौटाना होता है — और यदि ना लौटा सके, तो ब्याज पर फिर ब्याज जुड़ता जाता है। यह एक तरह की "सूदखोरी" है, जो धीरे-धीरे लोगों को आर्थिक और मानसिक रूप से तोड़ देती है। एक बंदे ने बताया कि ब्याज का मतलब ऐसा नहीं है कि आज लिए 1000 रुपए पैसा का एक माह में 1100 देना होगा ?? उसको प्रतिदिन के हिसाब से 100रुपए ब्याज के तौर पर देना पड़ता है । कुछ लोगों के हालात ऐसे हो गए साहूकार के आने की खबर से दुकानदारी बंद कर फरार हो जाते है ।

           सूदखोरों के डर से बंद हो गया उनका व्यवसाय

       वैसे इस शहर को नगर संहिता बाहर के सूदखोरों ने अपने आगोश में ले लिया है ।जिसके कारण युवा व्यवसाई उनके दर अपना व्यवसाय बंद कर दुबक जाते है।जिसे लेकर ऐसा देखा गया है की सूदखोर किसी भी समय टपक जाते है ।जिसके कारण वे दुकान बंद कर देते है ।और उनका व्यवसाय ठप हो जाता है।

                 बाहर से आकर दे रहे ब्याज में पैसे

   छेत्र में ब्याज का काम इतना जोरो पर है इसी से अंदाज लगाया जा सकता है कि उक्त साहूकार बगैर लायसेंस के खुलेआम पैसा बांटकर वसूली कर रहा पैसे की लालच में लोग फंसते जा रहे है।कुछ नगर में बगैर लायसेंस के ब्याज में पैसा बांट रहा तो कुछ लोग तो बाजू के शहर और और कुछ बाजू के जिले से आकर पैसा बांट रहे है।उनके पास से ब्याज में पैसे लेने वाले ब्याज देकर बर्बादी के कगार पर पहुंच चुके है।ऐसे लोगों के ऊपर जांच कर कार्यवाही किया जाना चाहिए ।ब्याज लेने वाले लोग ब्याज के चक्कर बर्बाद हो चले है।

                   पुलिस कार्यवाही की मांग 

क्षेत्रवासियों ने इसके लिए पुलिस कार्यवाही की मांग किए है चौंकाने वाली बात यह है कि यह सब कुछ खुलेआम हो रहा है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने के कारण माहौल खराब होते जा रहा है। कुछ स्थानीय लोगों का आरोप है कि इन अवैध धंधों को किसका "संरक्षण" प्राप्त है, तभी तो ये सालों से बेरोकटोक अवैधानिक तरीके ब्याज का धंधा चलाते आ रहे हैं।

                       नगर वासियों की राय

       नगर के समाजसेवियों का मानना है कि यह एक गंभीर सामाजिक संकट का संकेत है। जो व्यक्ति एक बार ब्याज में पैसा लिया वो कभी उबर नहीं पाता । और धीरे धीरे सूदखोर के जाल में फंस जाता है ।यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह लोगों को न सिर्फ आर्थिक रूप से, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी नुकसान पहुंचा सकता है। अब वक्त आ गया है कि प्रशासन इस मुद्दे पर संज्ञान ले और अवैध साहूकारी व जुए के कारोबार पर सख्त कार्रवाई करे। साथ ही, जरूरतमंदों के लिए वैध और सुलभ ऋण सुविधाएं मुहैया उपलब्ध कराकर युवाओं को सहयोग प्रदान करे।