बारिश ने बदली किसानों की दशा कृषि में आई नई जागरूकता
बारिश ने बदली किसानों की दशा कृषि में आई नई जागरूकता कुछ छेत्र में आज भी पानी की समस्या जारी छेत्र में डी ए पी यूरिया की कमी कृषि विभाग की कारगुज़ारी संदेहास्पद
बारिश ने बदली किसानों की दशा कृषि में आई नई जागरूकता
कुछ छेत्र में आज भी पानी की समस्या जारी


छेत्र में डी ए पी यूरिया की कमी
कृषि विभाग की कारगुज़ारी संदेहास्पद
छुईखदान==क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा ने किसानों की किस्मत को एक नई दिशा दी है। जहां कुछ इलाकों में वर्षा सामान्य रही, वहीं कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा के कारण फसलों को नुकसान भी पहुँचा है।वही पर कुछ क्षेत्रों में अल्प वर्षा की जानकारी आ रही है।
हालांकि, इस बार किसानों ने पारंपरिक खेती के साथ आधुनिक तरीकों को भी अपनाया है। बदलते मौसम और जलवायु संकट को देखते हुए किसानों में कृषि के प्रति जागरूकता बढ़ी है। कई किसान प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर उपयोग के साथ उत्पादन बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
लेकिन दूसरी ओर, जैविक (ऑर्गेनिक) खेती से किसानों का मोहभंग होता दिख रहा है। मुनाफे की दौड़ और बाजार की मांग को देखते हुए, क्षेत्र के अधिकतर किसान अब रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अल्पकालिक लाभ के बजाय किसानों को दीर्घकालिक समाधान की ओर बढ़ना चाहिए, जिसमें जैविक खेती एक अहम भूमिका निभा सकती है।
छेत्र के पैलीमेटा के किसान लाला राम जंघेल और कैलाश शर्मा ने कहा कि पैलीमेटा छेत्र में पानी की कमी से किसानों की स्थिति दयनीय है सप्ताह भर के अंदर वर्षा अच्छी नहीं हुई तो किसानों की हालत खराब हो जायेगा।सहकारी समिति पैलीमेटा छेत्र के किसान डी ए पी एवं यूरिया के लिए भटक रहे है बाजार में अधिक दाम पर व्यापारी विक्रय कर रहे है।ज्ञात हो कि पिछले दिनो डी ए पी एवं यूरिया की मांग को लेकर किसानो ने चक्काजाम कर विरोध जताया था।
कुटेलिकलां छेत्र के किसान जयकरण धनकर ने बताया कि इस छेत्र में पानी की कमी 50% से ज्यादा है किसान पानी की आश लगाए बैठे है। अगर पानी दो चार दिनों में नहीं आया तो कृषि चौपट हो जाएगा। ज्ञात हो कि सितंबर का महीना पानी के लिए कमतर ही रहता है। छेत्र के किसानों में आर्गेनिक खेती के लिए जयकरण धनकर का छेत्र में अलग ही पहचान है।
छेत्र में अवैध बीज कीटनाशक की बिक्री जोरो पर
छेत्र के किसानों ने बताया कि बहुत सारे बीज कीटनाशक की दुकान बगैर लायसेंस के संचालित हो रहा है ।जिसके बारे में पूर्व में भी समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित हो चुका है।लेकिन विभाग की उदासीनता समझ से परे है उच्च दर पर बीज कीटनाशक दवाईया विक्रय किया जा रहा है।जिससे छेत्र के किसान परेशान है।