ए सी बी की कार्यवाही के बाद नल जल योजना के कार्यो पर उठने लगे सवाल
ए सी बी की कार्यवाही के बाद नल जल योजना के कार्यो पर उठने लगे सवाल नविन के सी ज़ी जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग का कार्य संदेहास्पद पुरे जिले में चल रहा है कार्य ---- भगवान भरोसे संचालित हो रहा अरबो रुपये का काम

ए सी बी की कार्यवाही के बाद नल जल योजना के कार्यो पर उठने लगे सवाल
नविन के सी ज़ी जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग का कार्य संदेहास्पद
पुरे जिले में चल रहा है कार्य ---- भगवान भरोसे संचालित हो रहा अरबो रुपये का काम
खैरागढ़ छुईखदान गंडई - अभी शासकीय कार्यो के संपादन उपरांत ठेकेदार द्वारा अधिकारी से भुगतान का आग्रह पश्चात कथित अधिकारी द्वारा भुगतान के एवज मे ठेकेदार से कमीशन की मांग उपरान्त राज्य शासन के ए सी बी के अधिकारियो द्वारा किये गए कार्यवाही मे लोक स्वास्थय यांत्रिकीय विभाग के एस डी ओ के सबके सामने रंगे हाथ पकड़े जाने के उपरान्त संपूर्ण जिले के विभिन्न विभागो जिनके कार्य स्थानीय से लेकर सूदूर ग्रामीण व वनांचलो तक संचालित है अब उन पर भी स्थानीय व ग्रामीणो द्वारा सवाल उठाए जा रहे है, या दूसरे शब्दो मे ये कहे कि आम लोगो मे ए सी बी सहित उच्च कार्यालय के कार्य प्रणाली के प्रति विश्वास मे विश्वास जागा है और अब वो लोग जो ग्रामीण क्षेत्र मे निवासरत है वो शासन की नल जल योजना सहित विभिन्न संचालित योजनाओ के क्रियान्वयन, गुणवत्ता,समय सीमा, जैसे आधारभूत विषयो पर सवाल उठा रहे है,
खास बात यह है कि आमजन अपने द्वारा उठाए गए सवालो के पीछे तर्क भी देते है,जिससे सरकारी क्रियान्वयन के स्याह दुनिया से शायद पर्दा उठा सकेगा।
(कार्यक्षेत्र मे शासकीय तकनिकी सहायक की अनुपस्थिति)
प्रायः इस जिले के अंतर्गत विभिन्न शासकीय विभागो के माध्यम से संचालित योजनाओ के क्रियान्वयन व कार्यस्थल से विभागों मे पदस्थ तकनिकी सहायक अधिकांशतः नदारद ही पाए जाते है जिनके ही माध्यम से कार्य की प्रगति उसकी गुणवत्ता की रिपोर्ट विभाग को प्राप्त होती है,इसके पीछे भी एक भारी भरकम कारण निकलकर सामने आया है कि इस जिले के विभिन्न शासकीय विभागो मे पदस्थ तकनिकी सहायको को विभाग प्रमुखो के द्वारा अपना कृपापात्र बनाकर कार्यालय मे ही रख लिया जाना है,या उनके द्वारा किये गए मूल्यांकन अथवा निरिक्षण को सच मानकर आँख मुंद लेना हैl मामले मे आमजनों की आशा जिला प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि ऐसे समस्त विभागो को पद अनुरूप कार्य करने संबंधी तत्काल आदेश जारी करेगे,ताकि कार्यस्थल तक संबंधित अधिकारी या कर्मचारी या छेत्रीय कर्मचारी कार्य स्थल पर पहुच सके।
(प्राक्कलन और उपयोग सामग्री का मिलान)
मामले मे यह भी स्पष्ट होते रहना चाहिए कि किसी भी कार्य के लिए जो मापदंड शासन की ओर से निर्धारित की जाती है ठेकेदार की ओर से उसका शत् प्रतिशत पालन हो साथ ही नल जल योजना जैसे जनहितकारी दीर्घकालिक योजनाओ को मूर्तरूप देते समय संबंधित गांव की भौगोलिक स्थिति को भी ध्यान मे रखा जाए।
(गुणवत्तापूर्ण सामग्री का उपयोग)
अक्सर यही शिकायत पाया जाता है कि निविदा भरते समय ठेकेदार द्वारा शासन की प्रत्येक निर्देशो के पालन का वचन दिया जाता है फिर कार्य प्रारंभ होने के बाद निर्देश को अलग कर अपने ढंग से अपनी सुविधानुसार सामग्रीयो का उपयोग शुरू कर दिया जाता है,अब सवाल यह उठता है कि जब सब ईमानदार है तो ठेकेदारो को किसकी शह पर मनमानी का अधिकार मिल जाता है और शायद यही से योजनाओ की गुणवत्ता,समयसीमा का उल्लंघन और लेनदेन (भ्रष्टाचार) का जन्म होता है।
(क्षेत्र मे करोड़ो अरबो के कार्य संचालित)
जानकारी के मुताबिक इस जिले मे नल जल योजना अंतर्गत लगभग अरबो रुपये के कार्य संचालित है जिसका स्थल निरीक्षण किया जाये तो कई राज अपनी हकीकत की गवाही देंगें l जिसमे खैरागढ़ छुईखदान गंडई जिले के कई स्थानों पर कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे है जिसकी जांच की अब आवश्यकता है जरुरी लगता है, जिसे लेकर छेत्रवासी अब जिले में नल जल योजना
के कार्यों की जाँच की मांग करने लगे है l ठिक उसी प्रकार से वर्तमान मे विभिन्न विभागो मे अरबों रुपये के जनहितकारी कार्य निर्माणाधीन है जिनकी गुणवत्ता पर आज भी संदेह है,कारण अधिकारियो का दफ़्तर मे संलग्न रहना, ठेकेदार को मनमानी का जानबूझकर अवसर दे देना, लेनदेन कर ओ के रिपोर्ट देना,कच्चेमाल का भौतिक परीक्षण न करना आदि है,यदि आज भी हर स्तर पर जाच हो तो चौकाने वाले तथ्य सामने होगे।