क्षेत्र में चल रहा अवैध उत्खनन का खेल

क्षेत्र में चल रहा अवैध उत्खनन का खेल सिचाई विभाग(जल संसाधन विभाग )के कार्यों में खपाया जा रहा मुरुम जगह जगह गड्ढे और खाई के रुप में तब्दील हो रहा क्षेत्र खनिज विभाग संदेह के घेरे मे

क्षेत्र में चल रहा अवैध उत्खनन का खेल

क्षेत्र में चल रहा अवैध उत्खनन का खेल 

सिचाई विभाग(जल संसाधन विभाग )के कार्यों में खपाया जा रहा मुरुम

              

  जगह जगह गड्ढे और खाई के रुप में तब्दील हो रहा क्षेत्र

खनिज विभाग संदेह के घेरे मे 

              

छुईखदान=-=- आज पुरा विकास खण्ड छुईखदान क्षेत्र में खुलेआम अवैध उत्खनन का कार्य जोर शोर से चल रहा हैं जिसकी शिकायत क्षेत्र वासीयों के द्वारा पहले भी करने के बाद कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जबकि आमजन से अधिकारीयों केा शिकायत की जानकारी मिल रही हैं।इस संबंध में यहां पर यह बताना लाजिमी होगा। कि गाड़ी मालिक रात के अंधेरे में अवैध उत्खनन कर रहे है। 

                

आखिर रात के अंधेरे में अवैध उत्खनन क्यों ? ?

         वैसे मुलतः विभागीय कार्य के लिए ठेका पद्वति अपनाया जाता है। जिसमें ठेकेदार को मटेरियल के बदले प्रशासन के द्वारा उनको भुगतान किया जाता है। जिसमें ठेकेेदार को मटेरियल परिवहन से लेकर मटेरियल का भुगतान किया जाता हैं। जिसमें प्रशासन द्वारा स्वीकृत खनिज विभाग से प्रमाणित स्थान से ही मटेरियल लाकर डाला जाना होता है । लेकिन ठेकेदारो के द्वारा छेत्र के मटेरियल सप्लायरो से अवैध उत्खनन कर मटेरियल की पुर्ति किया जाता है। जिसके कारण क्षेत्र में जगह जगह पर मौत को आमंत्रित करने वाले गड्ढे तैयार हो जाते हैं जिसे उनके द्वारा खुला छोड़ दिया जाता है। मटेरियल सप्लायर के द्वारा अवैध उत्खनन कर गाड़ीयों से मुरुम को सिचाई विभाग (जल संसाधन विभाग )के द्वारा निर्माणाधिन केनाल में नहर लाईनिंग में उपयोग में लाया जा रहा हैं।

          जल संसाधन के अधिकारी मौन

नहर लाइनिंग के कार्य ठेका पद्धति से होने के कारण सिचाई विभाग के अधिकारी भी मौन है। जिसे लेकर क्षेत्र में जल संसाधन विभाग के ऊपर क्षेत्र वासीयों की नाराजगी देखी जा रही है। जिसे लेकर आने वाले दिनों में गुस्सा आंदेालन का रुप घारण कर सकता है।नई सरकार बनने के बाद क्षेत्र में कराए जा रहे कार्य को लेकर आमजन एक होकर कार्यवाही की मांग करने लगे है। जो अवैध उत्खनन केा लेकर चर्चा का केन्द्र बिन्दू बना हुआ है। 

             

खनिज विभाग आखिर चुप क्यूँ बैठा

   प्रशासन अथवा खनिज विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं होना समझ से परे है।इस संबंध में पता चला है। कि पिपरीया जलाशय और जंगल के तरफ से डम्फर में मुरुम का अवैध उत्खनन कर मेन केनाल ल में डाला जा रहा है। जबकि पुरे जिले में एक भी मुरुम खदान नहीं है। जो प्रशासन के द्वारा स्वीकृत हो।परिवहन हेतु किसी को अनुमति दिए जाने की खबर थी ऐसे में खनिज विभाग को सप्लायरो द्वारा की गई मिलीभगत को उजागर करना होगा यहाँ पर यह कहना लाजिमी होगा l जो संदेह को जन्म दे रहा है। 

                    

अवैध मटेरियल का शासकीय कार्यों में उपयोग  

            

                    ज्ञात हो कि इस क्षेत्र में चल रहे शासकीय कार्यों में अवैध मुरुम उत्खनन कर कार्य में लगाए जाने की खबर है। जिसे लेकर प्रशासन से कोई कार्यवाही नहीं की गई हैं। जिससे अवैध खनन करने वालों के हौसले बढ़े हुए है। ऐसा पता चला है। की ठेकेदार के द्वारा मटेरियल सप्लायर के खाते में बड़ा पेमेंट स्थानंत्रित किये जाने की खबर है जिसे लेकर छेत्र में चर्चाओ की बाजार गरम हो गया है l

        पिछले दिनेां हुए विभागीय कार्यवाही से अवैध उत्खनन करने वालों के ऊपर कुछ हद तक लगाम लगा था। लेकिन पिछले सप्ताह से क्षेत्र में अवैध उत्खनन करने वालों ने तो हद ही पार कर दिया है। खुलेआम शासकीय कार्यालयों के सामने से माल ढो रहे है।और अवैध मटेरियल को शासकीय कार्यों में खपाया जा रहा हैं। 

                

 जगह जगह गड्ढ़े और खाई में तफदिल हो रहा है क्षेत्र

        क्षेत्र में चल रहे शासकीय कार्यों को लेकर छेत्र के मटेरियल सप्लायरों के लोगों द्वारा क्षेत्र में अवैधानिक तरिके से उत्खनन किया जा रहा है। जिससे क्षेत्र में जगह जगह गड्ढे और खुला जमीन खाई में तफदिल हो गया है। जिसमें आने वाले दिनों में दुर्घटना घटने की संभावना बढ़ गई है।जिसे लेकर क्षेत्र कें ग्राम वासीयों ने समाचार पत्र के माध्यम अवैध उत्खनन की शिकायते की है।

अवैध उत्खनन करने वाले नेताओ की धौश दिखाकर बच जाते है। आज इस क्षेत्र में अवैध उत्खनन के बाद क्षेत्र में जगह जगह गड़ढे हो गए है। जो कभी भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है। 

 

           इस संबंध में क्षेत्रवासीयों ने उक्त अवैध उत्खनन की शिकायत आने वाले समय में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर एवं जिले के कलेक्टर से जन दर्शन कार्यक्रम के दौरान करने की बात कही है।