वनांचल का डूमरिया बांध बहा

वनांचल का डूमरिया बांध बहा किसानों में आक्रेाश मुआवजा की मांग 5 किसानों के 12 एकड़ फसल तबाह - आखिर विभागीय गलती का भरण सरकार क्यों करे ? छुईखदान-गत वर्ष साल्हेवारा बांध में बारिश के पानी आ जानें ंके चलते बांध के बह जानें से लाखो के माल आदि का नुकसान साल्हेवारा ग्राम के लोगों को हुआ था इस बार इस क्षेत्र के ग्राम डुमरिया

वनांचल का डूमरिया बांध बहा

वनांचल का डूमरिया बांध बहा

      किसानों में आक्रेाश मुआवजा की मांग 

    5 किसानों के 12 एकड़ फसल तबाह -

 आखिर विभागीय गलती का भरण सरकार क्यों करे ?

छुईखदान-गत वर्ष साल्हेवारा बांध में बारिश के पानी आ जानें के चलते बांध के बह जानें से लाखो के माल आदि का नुकसान साल्हेवारा ग्राम के लोगों को हुआ था इस बार इस क्षेत्र के ग्राम डुमरिया का डूमरिया बांध फिर से बह गया है विभागीय जवाबदार लोग इसे बांध की क्षमता से अधिक पानी के भराव का कारण बता रहे हैं,।

         सुधार कार्य में लगे विभागीय अधिकारी कर्मचारी

     इस बीच प्रभावित किसानों को फसल का नुकसान हो चुका है निस्तारी प्रभावित हो चुकी है लोगों में भय एवं आक्रेाश का वातावरण है घटना तीन दिवस पूर्व की बताई जा रही है परन्तु उक्त घटना की जानकारी जलसंसाधन विभाग की ओर से जिला प्रशासन कब दी गई है या नही कोई जानकारी नंही है ? क्योंकि बारिश को थमे 24 घंटे ही हुए है। मौसम विभाग की ओर से इस जिले में भी भारी बारिश की संभावना व्यक्त की गई है यदि हाल यही रहा तो आनें वाले समय में इस क्षेत्र के अन्य किसी और बांध के बहनें की खबर से इंकार नही किया जा सकता।. 

                   

                     मिले संक्षिप्त जानकारी के मुताबिक इन सबसे पूर्व जल संसाधन संभाग अंतर्गत संचालित प्रधानपाठ बैराज के गेट के भी बहनें की घटना पिछले बरस हुई थी जिसका गेट आज भी जीर्णशीर्ण अवस्था में दिखाई दे सकता है तत्कालीन दोषी अधिकारीगण माननीय शासन की ओर से दोष मुक्त पाए गए हैं उसी प्रकार साल्हेवारा बांध  भी बहा इसमें लिप्त तत्कालीन अधिकारीगणों पर कोई कार्यवाही संभव नही हो सकी इस बार भी शायद कार्यवाही के नाम पर जांच ही हो,। सब माया की माया है,आज भी जल संसाधन विभाग के तकनिकी कर्मचारी कार्यालयों में बैठाए गए हैं और संपूर्ण संभागीय कार्यालय के तहत संचालित कार्य श्रमिकों के भरोसे चल रहा है विभाग के आला अधिकारीयों को यह देखने की फुर्सत नही है कि किस बांध की क्षमता कितनी है और बारिश में कितना पानी बांध में आ रहा है और कितनी भरान पर गेट खोलकर बांध के पानी को बहाकर संतुलन बनाया जाए जिसके चलते आज यहां स्थित जल संसाधन संभाग के अधिकारीयो के कार्यप्रणालीयों पर सवाल उठने लगा है क्षेत्रीय कृषकगण इस विभाग के कार्यप्रणाली को लेकर विधानसभा तक मे प्रश्न कराए जाने की तैयारी कर रहे हैं उनका कहना है कि जब तक हमारे जीवन दायिनी बांधो नहरों की जवाबदारी निश्चित कार्य के लिए नियुक्त कर्मचारियों अधिकारीयों को सतत तैनात कर निगरानी नही कराया जाता तब तक वे चुप नही बैठेंगे।

                 जानकारी के मुताबिक इस बांध के पुर्ननिर्माण मे करोड़ो

का खर्च आनें का अनुमान है जिसकी स्वीकृति के लिए लंबे समय की प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है यदि हाल यही रहा तो आगामी वर्ष में खेती किसानी संपूर्ण रूप से प्रभावित हो सकता है।

          उक्त संबंध में आला अधिकारीयो से संपर्क किए जानें पर बताया गया कि बांध में क्षमता 12 से 14 फीट तक का भरान है। लेकिन पानी अभी साढ़े 11 फीट ही भरा रहा होगा ।जिस से अधिक पानी भर जानें के कारण बांध बह गया,कहना ना होगा कि पिछले दो परियोजनाओ मे हुए जलाशय बहने की घटना पर भी विभाग की ओर से यही तर्क दिया गया था,लगातार तीन घटनाओं के ंकारणो पर विभाग की ओर से एक ही प्रकार का तर्क दिए जानें से अब संदेह उत्पन्न हो रहा है यहां सवाल यह उठता है कि बांध में पानी अधिक होने तक विभाग के कर्मचारीगण क्या कर रहे थे जबकि उन्हें पल पल की खबर देनें की सख्त हिदायत दी जाती है साथ ही उपर के कर्मचारियों एवं अधिकारीयो को भी सख्त हिदायत रहती है कि वे सतत बांध पर निगरानी रखे कम पढ़े लिखे नीचले स्तर के कर्मचारियों का मार्गदर्शन एवं स्थिति का संज्ञान लेनें की जवाबदारी चौकीदारों से उपर के कर्मचारियों अधिकारीयों की होती है विभाग में पर्याप्त तकनिकी कर्मचारी होते चूक कहां से हुई जांच का विषय है फिलहाल जो सफाई विभाग की ओर से दी जा रही है वह नाकाफी और विश्वास के स्तर पर खरा नही उतरता है।

,,,,,,,,इस संबंध में क्षेत्रीय उपयंत्री श्री सुर्या से बात करने पर उनका कहना है। कि अचानक ज्यादा पानी आ जाने से बांध फुट गया उसे जल्द ही रिपेयर कर लिया जावेगां हमारे कर्मचारी लगातार उसपे नजर रखे हुए है,,,,,