छुईखदान बुनकर सोसायटी भवन निर्माण में भ्रष्टाचार का उजागर
छुईखदान बुनकर सोसायटी भवन निर्माण में भ्रष्टाचार का उजागर ( छुईखदान की पहचान एकमात्र उद्योग बुनकर के नवीन भवन का मामला ) (पहले भी हो चुका है शिकायत,अपने काल से बाहर होकर भी नही बन पाया )
छुईखदान





छुईखदान बुनकर सोसायटी भवन निर्माण में भ्रष्टाचार का उजागर
( छुईखदान की पहचान एकमात्र उद्योग बुनकर के नवीन भवन का मामला )
(पहले भी हो चुका है शिकायत,अपने काल से बाहर होकर भी नही बन पाया )
छुईखदान-छुईखदान की पहचान मे अपना एक विशेष स्थान रखनें वाले यहां पर स्थित एक मात्र उद्योग बुनकर सहकारी समिति जो यहां पर निवासरत देवांगन समाज के जीवनयापन का साधन माना जाता था उसके नवीन भवन की स्वीकृति पूर्व कांग्रेस सरकार में खनिज निगम के अध्यक्ष गिरिश देवांगन के अथक प्रयासों से प्राप्त हुआ था.जिस पर कार्यवाही करते हुए पी डब्लू डी विभाग की ओर से निविदा जारी कर ठेका भी प्रदान किया गया था,
सरकारी नियमानुसार उक्त भवन को समय सीमा के भीतर निर्माण किया जाना भी था,परन्तु एक बरस पूर्व हुए विधानसभा निर्वाचन में कांग्रेस की सत्ता जानें और भाजपा की सरकार बननें के उपरांत लगता है कि निर्माण एजेंसी का इस भवन को बनानें के प्रति रूचि नही रह गई है यही कारण है कि जों भवन आज से लगभग एक बरस पहले बन जाना था वह आज पर्यन्त तक अपनें पूर्णता और सोसायटी को उसके वाजिब संचालकों को सौपनें की प्रतीक्षा ही कर रहे है सवाल यह उठता है कि क्या स्वीकृत राशि और निर्माण एजेंसीयां भी सरकार बदलते ही अपनी नियत बदल लेती हॅै़.।
(लाल ईंट कें टुकडों से दिवारों की जोड़ाई और छबाई कर लीपापोती जारी)
उक्त भवन का निर्माण अपनें प्रारंभ काल से ही भ्रष्टाचार के चंगुंल में भरा रहा है अनेंको शिकवा शिकायतें अखबार बाजी होती रही है l परन्तु कार्यवाही हितग्राहियों के सामनें आज तक नही आ सका है सबसे पहले तो उक्त भवन कें निर्माण को निविदा मे एग्रीमेंट के अनुसार पूरा हो जाना था परन्तु यह आज तक नही हो सका वही भवन का निर्माण बिना लीपापोती और गुणवत्ता पूर्ण निर्माण की उम्मीद थी परन्तु यह भी नही हो सका यह दोनो ही प्रकार की विसंगतियां उक्त भवन के निर्माण मे आज पर्यन्त जारी है अभी वर्तमान में ही उक्त भवन के पिछले भाग में ठेकेदार द्वारा लीपापोती कर लाल और तुकडे भरा चूरा ईट के प्रयोंग में लाया जा रहा था जिसे सेंदला कर उसकी असलीयत छुपानें का प्रयास भी निर्माण ऐजेंसी द्वारा किया जा रहा है यदि एैसा होता है तो उक्त भवन के दिर्घकालिक या नियमानुकूल टिकनें की उम्मीद करना भी बेमानी होगी।
( व्यापार में कमजोरी नवीन शोरूम से आकर्षण बढनें की उम्मीद )
नवीन भवन की आवश्यकताओ के बारे में यहां यह बताया जा रहा है कि वर्तमान मे उक्त सोसायटी का अपना मुख्यालय एवं दुकान इसी अहाते मे स्थित एक कमरे के माध्यम से संचालित किया जा रहा है जिसके चलते ग्राहकों को यह पता भी नही चल पाता कि उक्त सोसायटी का अपना एक शोरूम भी है जिसके चलते सोसायटी के व्यापार मे कमजारी आनें की संभावना से इंकार नही किया जा सकता वही पुरानें ग्राहको का कहना है कि नवीन शोरूम से सोसायटी से निर्मित माल के बिक्री मे तेजी आ सकती है।
(मजदूरों को करना होता है यहां पर काम )
यहां पर यह बताना आवश्यक है कि उक्त भवन किसी के रहनें या देखनें के लिए नही अपितु यहां पर बुनकर देवांगन समाज के मजदूर महिला पुरूषों द्वारा अपने हाथों से उम्दा सूती के कपड़ो के निर्माण के लिए निर्मित किया जा रहा है सोंचने विचारने वाली बात यह है कि एक कमजोर भवन मे उद्योंग का संचालन कर उसके बनें रहंने की कितनी उम्मीद की जा सकती है और यदि भवन का निर्माण लीपापोती पूर्वक किया जाता है तों अपनी कमजोरी के चलते भवन के क्षतिग्रस्त होनें की स्थिति मे वहां कार्यरत कर्मकारों को होनें वाली क्षति का जवाबदार कौन होगा यह भी तय होना न्याय हित मे होगा,परन्तु संविधान का पांचवां स्तंभ कहलानें वाले प्रेस पत्रकारों की ओर से शासन प्रशासन की आंख खोलनें और कार्यवाही की उम्मीद से कोई प्रयास जब भी किया जाता है संबंधित विभाग आंख मूंदकर क्यो बैठ जाती है सवाल के घेरें में है जबकि उक्त मामला नव गठित जिला खैरागढ-छुईखदान-गंडई का हृदय स्थल छुईखदान का है।
कहना न होगा कि इन सब प्रयासों के बाद भी संबंधित विभाग की ओर से जिनकी ओर से उक्त निविदा जारी किया गया था और एक गैर जिम्मेदार निर्माण एजेंसी के कार्यप्रणाली के प्रति जागरूकता का परिचय नही दिया जाता है तो एैसी परिस्थिति मे सोसायटी के कर्मकारो उनके परिवार सहित नगर के प्रबुंद्धजन के आदोलनरत होनें की संभावना से इंकार नही किया जा सकता आाखिर यह मामला उन सैकड़ों कर्मकारो के जीवन और उनके परिवार के संचालन से जुड़ा है अब तो यह भी मांग उठनें लगी है कि निर्माण एजेंसी ने प्रारंभ से लेकर अब तक जो कार्य किया है उसकी भी गुणवत्ता एवं भवन मे लगनें वाले मटेरियल से निविदा मे उल्लेखित मटेरियल की जाच हो ताकि उक्त भवन के गुणवत्ता और उसके कालातीत समय का पता भी चल सके फिलहाल उक्त सोसायटी से जुड़े लोग कार्यवाही की आस मे है कार्यवाही नही होनें की स्थिति मे कर्मकार अपने परिवार के साथ कलेक्टर एवं प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी फरियाद रख कर ठेकेदार और विभागीय अधिकारीयो के ऊपर कार्यवाही की मांग करेंगे ।