जगन्नाथ स्वामी की रथ यात्रा पर पूरे क्षेत्र में घूम गृह प्रवेश की घूम
महाप्रभु जगन्नाथ स्वामी की रथ यात्रा पर पूरे क्षेत्र में घूम गृहप्रवेश उत्सव की भरमार छुईखदान,,,प्रतिवर्ष की भांति इस बरस भी नगर की 300 बरस प्राचीन रियासत कानीन परंपरा के अनुसार भगवान जगन्नाथ अपने ज्येष्ठ भा्रता बलदाउ एवं बहन सुभद्रा के साथ अपने निजधाम (जगन्नाथ मदिर )से निकलकर अपने भक्तों को दर्शन देनें के लिए बाहर गए,
महाप्रभु जगन्नाथ स्वामी की रथ यात्रा पर पूरे क्षेत्र में घूम
गृहप्रवेश उत्सव की भरमार
छुईखदान,,,प्रतिवर्ष की भांति इस बरस भी नगर की 300 बरस प्राचीन रियासत कानीन परंपरा के अनुसार भगवान जगन्नाथ अपने ज्येष्ठ भा्रता बलदाउ एवं बहन सुभद्रा के साथ अपने निजधाम (जगन्नाथ मदिर )से निकलकर अपने भक्तों को दर्शन देनें के लिए बाहर गए,जिनके दर्शन के लिए नगर सहित ग्रामीण अंचल के सैकड़ों ग्रामों से भक्तगण अपनें अपनें वाहन साधनो से छुईखदान नगर पधारे थे जहां पर भगवान का रथ नगर के मुख्य मार्ग तथा बैरागीपारा,राजमहल चौक,जैन मोहल्ला,बाजार लाईन ब्राम्हण पारा,जमुनाचौक जयस्तंभ चौक बसस्टैण्ड पुराना पुलिस थाना चौक होते हुए अपनें निजधाम पहुंचे ज्ञात हो कि नगर की सेवाभावी प्रतिनिधि संस्था जय जगन्नाथ सेवा समिति की ओर से अपनें स्थापना काल से ही रथयात्रा के पावन पर्व पार आयोजित महाप्रसादी (भंडारा) का आयोजन भी इस नए युग में इस त्यौहार के अवसर पर प्रमुख आकर्षण का केंन्द्र रहा है।
गृहप्रवेश की धुम
ज्ञात हो कि भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा का दिन संपूर्ण छ.ग. की सामाजिक सांस्कृतिक धार्मिक मान्यताओं में अपना अलग ही स्थान रखती है,परंपरा अनुसार छ.ग. में इस दिन गृह प्रवेश केा अत्यंत ही शुभकारी बताया गया है विद्व जनो की मानें तो इस दिन गृहप्रवेश जैसे धार्मिक आयोजन को लेकर कोई मूहूर्त नही देखा जाता है माने तो इस दिन किसी भी समय गृहप्रवेश करना उचित बताया जाता है इसी तारतम्य में इस नगर एवं क्षेत्र में भरपूर तादाद मे गृह प्रवेश किया गया जिसके चलते नगर एवं क्षेत्र के ब्राम्हण आचार्य जन पूरे दिन से लेकर देर रात तक अपनें अपनें यजमानेंा के यहां गृहप्रवेश कराने में व्यस्त दिखें,जबकि गृहप्रवेश के दिन एवं रात में अनेंको लोगों ने अपनें इष्टमित्र बंधु बांधवों रिश्तेदारों को
भोजन के लिए भी आमंत्रित किया था,नगर मे जैन मोहल्ला मेंःःःसंतवास ,ःःब्राम्हण पारा,बरई पारा,कनक नगर आदि क्षेत्र में गृहप्रवेश का आयोजन किया गया।
जगननाथ मंदिर में भण्डारा का आयोजन
भगवान जगन्नाथ यात्रा के दिन उनके भक्त गण अपने अपने तरिके से जगन्नाथ यात्रा के शुभ अवसर पर कार्यक्रम कराते है। उसी तारतम्य में छुईखदान के छोटे राजा देवराज किशोर दास ने भगवान जगन्नाथ मंदिर में भण्डारा का आयोजन किया जिसमें भगवान जगन्नाथ के भक्तगण हजारों की संख्या भण्डारा में भोजन ग्रहण कर भगवान का प्रसाद ग्रहण किया।