खैरागढ़ में स्वर्गीय राजा देवव्रत की आदमकद कास्य प्रतिमा लगेगी

खैरागढ़ में स्वर्गीय राजा देवव्रत की आदमकद कास्य प्रतिमा लगेगी प्रतिमा स्थापना के लिये बुधवार को भूमिपूजन किया गया इस दौरान कांग्रेसियों ने कहा- राजा देवव्रत सिंह को भुलाना नामुमकिन, उनके आदर्शो पर चलेंगे

खैरागढ़ में स्वर्गीय राजा देवव्रत की आदमकद कास्य प्रतिमा लगेगी

खैरागढ़ में स्वर्गीय राजा देवव्रत की आदमकद कास्य प्रतिमा लगेगी

 प्रतिमा स्थापना के लिये बुधवार को भूमिपूजन किया गया 

 इस दौरान कांग्रेसियों ने कहा- राजा देवव्रत सिंह को भुलाना नामुमकिन, उनके आदर्शो पर चलेंगे 

खैरागढ़. पूर्व सांसद व खैरागढ़ के 4 बार विधायक रहे स्व.राजा देवव्रत सिंह के असमय निधन को लगभग दो साल अब होने को है. उनकी मौत के बाद खैरागढ़ ने बहुत कुछ खोया है लेकिन उनके अवसान के बाद राजनीतिक कारणों से ही सही खैरागढ़ को बहुत कुछ मिला भी है. राजा देवव्रत सिंह की स्मृतियों को खैरागढ़ में अक्षुण्ण बनाये रखने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा अनुरूप बुधवार 27 सितंबर की दोपहर सिविल लाईन के दुर्गा चौक में एक गरिमामय समारोह आयोजित कर नगर पालिका परिषद् ने उनकी आदमकद कास्य प्रतिमा की स्थापना के लिये भूमिपूजन समारोह का आयोजन किया.                                                                                                              आयोजन में विशेष तौर पर स्व.राजा देवव्रत सिंह की पुत्री राजकुमारी शताक्षी सिंह व पुत्र राजा आर्यव्रत सिंह को आमंत्रित किया गया था जहां पिता की प्रतिमा स्थापना के लिये आयोजित समारोह में दोनों बेहद भावुक नजर आये वहीं स्व.सिंह के चचेरे भाई व वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजकुमार भवानी बहादुर सिंह भी समारोह में पत्नी और बच्चे के साथ शामिल हुये. अपने पिता की मूर्ति स्थापना के लिये आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये आर्यव्रत सिंह ने कहा कि पिता जी की प्रतिमा स्थापना के लिये भूमिपूजन हो रहा है इसकी मुझे खुशी है लेकिन उनके इस तरह जाने का मुझे हमेशा दुख होता है.                                                                                                                       आर्यव्रत ने कहा कि पापा हमेशा कहते थे कि आदमी का नाम नहीं उसका काम बोलता है, आज इतनी बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति बता रही है कि खैरागढ़ की पूरी जनता मेरे पिता से कितना प्यार करती है. राजकुमार भवानी बहादुर सिंह ने कहा कि भाई की स्मृतियों को संजोने के लिये शासन-प्रशासन का धन्यवाद, मैं चाहता हूं कि भाई देवव्रत सिंह व उनके जनहित के कार्यों को जनता हमेशा याद रखे. इससे पहले पूर्व विधायक गिरवर जंघेल ने देवव्रत सिंह अमर रहे के ओजस्वी नारे लगवाये और कहा कि हम उस व्यक्तित्व के प्रतिमा स्थापना समारोह में आये हैं जो हम सबके आदर्श थे. राजा बहुत हुये लेकिन देवव्रत सिंह वह व्यक्ति थे जिन्होंने सबके दिल में राज किया.                                                                                                             समारोह की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवाज खान ने कहा कि देवव्रत सिंह बहुत ही विद्वान व्यक्ति और जनता के दिलों में रहने वाले नेता थे. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के कार्यकाल में देवव्रत सिंह प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे, उस वक्त का जिक्र करते हुये नवाज ने कहा कि उनके साथ मिलकर काम करने का एक अलग ही अनुभव था. असमय अल्पायु में इतने मिलनसार और संघर्षशील व्यक्ति का जाना बहुत दुखद है. उनके साथ मेरे मतभेद हुये पर कभी मनभेद नहीं हुये. हमारी अक्सर घंटों फोन पर बात होती थी. उनका व्यक्तित्व इतना बड़ा था कि उन्होंने क्षेत्र की जनता को प्रणाम किया और नई पार्टी और नये सिम्बॉल में भी देवव्रत सिंह जीत गये. उनकी जीत के बाद एहसास हुआ कि भले ही वह नई पार्टी से जीते पर दिल से वे कांग्रेसी ही हैं. उन्होंने कहा कि लगभग 27 साल मैंने राजा देवव्रत सिंह के साथ काम किया वो बहुत सरल और सहज प्रवृत्ति के धनी थे. उन्होंने कहा कि उपचुनाव में देवव्रत सिंह के करीबी कार्यकर्ताओं ने यशोदा वर्मा की जीत में अहम मदद की और एक बार फिर से 2023 के विधानसभा चुनाव में लोग कांग्रेस पार्टी का विधायक बनाने मदद करेंगे यही सही मायनों में राजा देवव्रत सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी.                                                                                                                                                                     स्व.देवव्रत सिंह से अपने संबंधों का जिक्र करते हुये विधायक श्रीमती यशोदा नीलाम्बर वर्मा ने कहा कि राजा देवव्रत सिंह हमेशा मुझे प्रेरणा देते रहे. उनसे मैने राजनीति की बहुत सी बातें सीखी और उनके सहयोग से ही विपक्ष में रहते हुये 11 हजार मतों से जिला पंचायत का चुनाव जीता. उनके व्यक्तित्व की बड़ी खासियत यह भी थी कि वह मिलनसार व हसमुख तो थे ही लेकिन अपने दुख व तकलीफ को भी छुपा लेते थे. हम पर एक बड़ी जवाबदारी है कि उनके अधूरे सपनों को हमे मिल-जुलकर पूरा करना है. आज मैं जो कुछ भी हूं उनका ही आशीर्वाद है. स्वागत भाषण देते हुये नगर पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा ने कहा कि आज का दिन हम सबके लिये महत्वपूर्ण

है क्योंकि हम ऐसे महान व्यक्ति की मूर्ति स्थापना का कार्य आज से प्रारंभ करने जा रहे हैं जिसने दुश्मनों के दिल में भी अपनी सहज जगह बनाई. उनके कार्यों से हमें बहुत कुछ सीखने की जरूरत है. इस दौरान समारोह का संचालन कांग्रेस नेता मिहिर झा व अरूण भारद्वाज ने किया. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला कांग्रेस अध्यक्ष गजेन्द्र ठाकरे, पूर्व विधायक गिरवर जंघेल, खैरागढ़ जनपद अध्यक्ष लीला प्रकाश मंडावी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता भवानी बहादुर सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा, उपाध्यक्ष अब्दुल रज्जाक खान, गंडई मंडी अध्यक्ष संजू चंदेल, शहर कांग्रेस अध्यक्ष भीखमचंद छाजेड़, ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष आकाशदीप सिंह, छुईखदान , गंडई कांग्रेस अध्यक्ष रमेश साहू, सीएमओ प्रमोद शुक्ल, नपं छुईखदान अध्यक्ष श्रीमती पार्तिका संजय महोबिया, गंडई नपं अध्यक्ष चेतन देवांगन, वरिष्ठ कांग्रेस नेता नीलेन्द्र शर्मा, सुनीलकांत पांडेय, गुलाब चोपड़ा, प्रदेश संयुक्त महामंत्री हबीब खान, मिहिर झा, ओमप्रकाश झा, जिपं सदस्यगण विप्लव साहू, ममता राजेश पाल, निर्मला विजय वर्मा, कांग्रेस नेता मनराखन देवांगन, जिला युकां अध्यक्ष गुलशन तिवारी, नदीम मेमन, नपा सभापति दिलीप लहरे, पुरुषोत्तम वर्मा, कांग्रेस नेता सज्जाक़ खान, जफर उल्लाह खान, दशमथ उत्तम जंघेल, सुमीत टांडीया, दयाराम पटेल, सुमन पटेल, किरण झा, अशरफ खान आलोक यादव मोहन वर्मा, पलाश सिंह, रतन सिंगी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी व खैरागढ़ के गणमान्य नागरिक मौजूद थे.