वतन और शहर की हिफाज़त के लिए एहतेकाफ में बैठे छुईखदान के मुस्लिम भाई

वतन और शहर की हिफाज़त के लिए एहतेकाफ में बैठे छुईखदान के मुस्लिम भाई 10 दिनों की इबादत से गुनाह माफ़ हो जाते है हाफिज सरिफुल हक़ छुईखदान-इस्लाम मे सबसे पवित्र त्यौहार ईद उल फितर माह रमजान के 30 रोजा के बाद मनाया जाता है l

वतन और शहर की हिफाज़त  के लिए एहतेकाफ  में बैठे छुईखदान के मुस्लिम भाई

वतन और शहर की हिफाज़त के लिए एहतेकाफ में बैठे छुईखदान के मुस्लिम भाई 

10 दिनों की इबादत से गुनाह माफ़ हो जाते है हाफिज सरिफुल हक़ 

छुईखदान-इस्लाम मे सबसे पवित्र त्यौहार ईद उल फितर माह रमजान के 30 रोजा के बाद मनाया जाता है l जो पूरे माह भर चलता है जिसमे रमजान के बीसवे रोजे के बाद शेष दस दिन एहतेकाफ का होता है इन दिनो मे रोजेदार मस्जिद मे ही रहकर रोजे की हालात मे दिन रात अपने अल्लाह की इबादत करते रहते है बताया जाता है कि इन दिनो इबादतदारो द्वारा अपने अल्लाह से की गई प्रार्थना तत्काल कबूल होती है।

      इसी क्रम मे यहा के जामा मस्जिद छुईखदान मे भी रोजेदारो द्वारा एहतेकाफ किया जा रहा है जिसमे 15 साल के अदनान से लेकर 70 बरस के परदेशी मियां तक लगभग आधा दर्जन से अधिक लोगो ने इबादत मे लगे हुए है ।

      यहा यह भी बताना जरूरी है जब एहतेकाफ मे बैठे रोजेदारो से पूछा गया कि उनका क्या उद्देश्य है तो आप लोगो ने बताया कि वे अपने परवरदिगार से अपने वतन और शहर की उन्नति और सलामती चाहते है।

         यह भी विशेष है कि इस्लाम के अनुसार एहतेकाफ से बाद जब रोजादार मस्जिद से बाहर आता है तब उसकी हालत नए जन्मे बच्चे की तरह होती है क्योकि बताया जाता है कि एहतेकाफ मे जाने वाले के सारे गुनाह अल्लाह रब्बुल इज्जत माफ कर देता है, जबकी इसी दौरान बड़ी रात कहलाने वाले लैलतूल कद्र व शबे कद्र की रात भी आती है इन दिनो भी सब रतजगा कर इबादत करते है,l 

इस सम्बन्ध में जामा मस्जिद के ईमाम हाफिज सरिफुल हक़ साहब ने बताया की 10 दिनों का एहतेकाफ करने वालों की सारे गुनाह माफ़ हो जाते है l

जिला मुस्लिम समाज के अध्यक्ष सज्जाक खान ने कहा की नगर में रमजान का महीना बड़े शुकुन के साथ मनाया जा रहा है सभी को ईद के त्यौहार का इंतजार है यहाँ पर हर रोज आफतारी का दौर भी जारी है l 

जमात के युवा शेख रशीद के द्वारा लगातार रोज

दारों के लिए हर रोज आफतारी बनाया जा रहा है रशीद भाई के द्वारा हर साल रोजदारों के लिए मस्जिद में आफतारी बनाया जाता है l

 एहतेकाफ में नगर के परदेशी खान.इसराईल सोलंकी, माजिद खान, शादाब खान,आफरीदी खान,शेख दानिश,अदनान खान अपनी इबादत जारी रखे हुए है। 

एहतेकाफ में बैठे मुस्लिम जमात के भाइयों को छुईखदान जामा मस्जिद कमेटी के मुत्वल्ली निजमुद्दीन इब्राहिम खान हाजी शेख आज़म दादू खान पप्पू भाई हाजी युसूफ सोलंकी हाजी महताब भाई हाजी मोनू आशु भाई बाबर भाई हाजी सोनू तसददूक भाई सैयद आबिद अली शेख फरीद साहब शेख समीर गुरूजी अख्तर सोलंकी ने एहतेकाफ में बैठे लोगो को वतन और शहर की तरक्की और अमनो शुकुन के लिए दुआ की गुजारिश की है l