बांध के उलट से लाखो की मछलियां बाहर समिति को भारी नुकसान

बांध के उलट से लाखो की मछलियां बाहर समिति को भारी नुकसान मुआवजा और छत्तीपूर्ति की मांग लेकर पहुंचे आदिवासी समूह कलेक्टर के दरबार मेँ छुईखदान==-लगातार बारिश के चलते पूरा क्षेत्र जलाशय मे बदल गया है गांव गांव के तालाब छोटी नदी नाले सभी अपनी जवानी पर हैं जबकि क्षेत्र की जीवनदायिनी पिपरिया जलाशय में भी लगभग एक सप्ताह से उलट चल रहा है जिसे देखने के लिए सैलानियों का तांता लगा हुआ है परन्तु इस उलट ने दर्जनो गरीबों के लिए कहर बन गया है यह बात शायद ही किसी को मालूम होगा ।

बांध के उलट से लाखो की मछलियां बाहर समिति को भारी नुकसान

बांध के उलट से लाखो की मछलियां बाहर समिति को भारी नुकसान मुआवजा और छत्तीपूर्ति की मांग लेकर पहुंचे आदिवासी समूह कलेक्टर के दरबार मेँ                                                                                   पिपरिया जलाशय मेँ पानी का भराव ज्यादा होने से मछुवारों को लाखो का नुक्सान 

छुईखदान==-लगातार बारिश के चलते पूरा क्षेत्र जलाशय मे बदल गया है गांव गांव के तालाब छोटी नदी नाले सभी अपनी जवानी पर हैं जबकि क्षेत्र की जीवनदायिनी पिपरिया जलाशय में भी लगभग एक सप्ताह से उलट चल रहा है जिसे देखने के लिए सैलानियों का तांता लगा हुआ है परन्तु इस उलट ने दर्जनो गरीबों के लिए कहर बन गया है यह बात शायद ही किसी को मालूम होगा ।

        ज्ञात हो कि छिंदारी बांध (पिपरिया जलाशय )में मछली पालन का कार्य क्षेत्र के गरीब किसानो की संस्था जय बूढ़ादेव मत्स्य पालन सहकारी समिति के माध्यम से किया जाता है,परन्तु गत एक माह से अधिक समय से चल रहे कम-ज्यादा बारिश एवं जंगल के रास्ते बांध मे आने वाले भारी पानी की वजह से बांध पूरी तरह से भर गया यहां तक कि गत एक सप्ताह से उलट भी चल रहा है जिसके रास्ते समिति की ओर से बांध में जो मछली की बोआई की गई थी वह भी लगभग बड़े होकर बह जाने के चलते लाखो का नुकसान होना बताया जा रहा है जिसके चलते समिति के साथी चिंतित हैं और नुकसानी की भरपाई के स्वरूप जिले के कलेक्टर के समक्ष याचना कर उक्त बांध मे मछली पालन हेतु निर्धारित राशि माफ किए जाने की याचना की है।

         वहीं इसी बांध एवं अन्य स्थानो पर कैच पद्धति से मछली पालन करने वाले ठैकेदारों को भी नुकसान होने की खबर है परन्तु उनका नुकसान सीधे बांध मे पारंपरिक ढंग से मछली पालन करने वाले की तुलना मे कम ही है,यहां यह बताना भी लाजिमी होगा कि बांध मे पारंपरिक ढंग से मछली पालन कर जीवन यापन करने वाले समिति के सदस्यों की माली हालात इतनी उच्च स्तर का नही होना बताया जाता है कि वे मछली बह जाने के चलते हुए नुकसान को आगे तक खींच कर ले जा सके,समिति के सदस्यो ने जिले के कलेक्टर से आस जताई है कि यदि उनका इस सत्र के माह जून का रकम माफ हो जाए तो वे पुनः कार्य मे स्थापित होनें की स्थिति में खड़े हो सकते है। , नथेला बाँध मेँ आधा दर्जन कैच पिछले बरस से इस बाँध मेँ कैच लगना शुरू हुआ है जिसके अंदर ही मछली पालन किया जाता है जो लगभग आधा दर्जन की मात्रा मेँ इस बांध के अंदर लग चूका है जिस लेकर भी कैच वाले चिंतित है उनका भी इस अतिवृष्टि मेँ नुकसान हुआ है जिसके कारण कैच वालो का भी कहना नुक्सान हुआ है,,