भारत को विकसित बनाना हम सबकी जिम्मेदारी कुलपति ममता चंद्राकर

भारत को विकसित बनाना हम सबकी जिम्मेदारी कुलपति ममता चंद्राकर • इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में धूमधाम से मनाया गया गणतंत्र दिवस • कुलपति पद्मश्री डॉ. ममता (मोक्षदा) चंद्राकर ने ध्वजारोहण उपरांत समारोह को किया संबोधित • विद्यार्थियों ने दी राष्ट्रभक्तिपरक गीतों की शानदार प्रस्तुति

भारत को विकसित बनाना हम सबकी जिम्मेदारी           कुलपति ममता चंद्राकर

भारत को विकसित बनाना हम सबकी जिम्मेदारी         

कुलपति ममता चंद्राकर

• इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में धूमधाम से मनाया गया गणतंत्र दिवस

• कुलपति पद्मश्री डॉ. ममता (मोक्षदा) चंद्राकर ने ध्वजारोहण उपरांत समारोह को किया संबोधित

• विद्यार्थियों ने दी राष्ट्रभक्तिपरक गीतों की शानदार प्रस्तुति

खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 26 जनवरी 2024 को राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ धूमधाम से मनाया गया। विश्वविद्यालय की कुलपति पदमश्री डॉ. ममता (मोक्षदा) चंद्राकर के द्वारा मुख्य परिसर में ध्वजारोहण किया गया। इस अवसर पर कुलपति के हाथों आसमान में गुब्बारे छोड़कर राष्ट्रीय पर्व पर हर्ष की अभिव्यक्ति की गई। 

कुलपति डॉ. चंद्राकर ने अपने उद्बोधन में सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माण में छत्तीसगढ़ का अमूल्य योगदान रहा है। उन्होंने संविधान सभा में शामिल छत्तीसगढ़ के दिवंगत विभूतियों का स्मरण करते हुए कहा कि देश की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे हो रहे होंगे, तब भारत को विकसित श्रेणी में स्थापित करना हम सबकी जिम्मेदारी होनी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों और युवाओं से अपील की कि विकसित भारत @ 2047 के संदर्भ में अपने आइडियाज जरूर शेयर करें।

कुलपति डॉ. चंद्राकर ने कहा कि इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की कुलपति के तौर पर विद्यार्थी, शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी सदैव उनकी प्राथमिकता में रहे। उन्होंने कहा कि इसीलिए इस दौरान विद्यार्थी हित में अनेक व्यवस्थाएं शुरू की गई, वहीं शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी से जुड़े विषयों पर भी कई सकारात्मक निर्णय लिए गए। कुलपति डॉ. चंद्राकर ने कहा कि आज प्रगति का जायजा लेने तथा उभरती हुई चुनौतियों की तरफ देखने का भी दिन है। आज के दिन हमें आकलन करना चाहिए कि इन वर्षों में हमने क्या खोया? क्या पाया? और क्या पा सकते हैं? हमने आजादी के बाद अपनी बहुरंगी, बहुभाषी, सतरंगी और साझी संस्कृति की धार को न केवल कायम रखा है, बल्कि उसे गहरे अर्थ भी दिए हैं और विकास के नए सोपान भी चढ़े हैं। आज इस अवसर पर मैं आप सभी को पुनः हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं। कुलपति डॉ. चंद्राकर ने कवि बंशीधर शुक्ल की पंक्ति 'कदम-कदम बढ़ाए जा, खुशी के गीत गाए जा, ये जिंदगी है कौम की, तु कौम पे लुटाए जा..' के साथ अपने संबोधन को समाप्त किया। 

इस कार्यक्रम में प्रभारी कुलसचिव प्रो. डॉ. नीता गहरवार, अधिष्ठातागण प्रो. डॉ. नमन दत्त, प्रो. डॉ. राजन यादव, प्रो. डॉ. योगेंद्र चौबे, विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में प्रो. डॉ. नमन दत्त, संगतकार संघ के अध्यक्ष डॉ. शिवनारायण मोरे, गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रखर शरण सिंह एवं छात्र-छात्रा प्रतिनिधियों के द्वारा कुलपति महोदया का स्वागत का स्वागत किया गया।

इस अवसर पर संगीत संकाय के अधिष्ठाता प्रो. डा. नमन दत्त के निर्देशन में विद्यार्थियों ने राष्ट्रभक्तिपरक गीतों की प्रस्तुति दी। श्रेयस नेमाड़, भाग्यश्री पवनीकर, सौम्या पाठक, आयुषी राय श्रीवास्तव, रेखा साहू, नम्रता मानिकपुरी, निशिधा कुथे, ईशा अग्रवाल, स्नेहा मंडल, स्वाति शर्मा, पीताम्बर साहू, आशीष कुमार साहू, नीरज कुमार, रवि बैस, बहादुर चौकसे, एन. एस. राजन, सौरव गुप्ता, गिरीश टांडेकर, नेहरू दास महंत, रागेश्री दास चौधरी, इक्षेश सेठिया, रोहन मालवीय, अभिषेक डनसेना की टीम ने राष्ट्रभक्ति परक गीतों की शानदार प्रस्तुति दी। इस अवसर पर खेलकूद, भाषण प्रतियोगिता, चित्रकला स्पर्धा, निबंध प्रतियोगिता, जिम आदि में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को कुलपति के हाथों पुरस्कृत किया गया।

गणतंत्र दिवस अवसर पर विश्वविद्यालय के आर्ट गैलरी में जिला पुलिस (खैरागढ़-छुईखदान-गंडई) के सहयोग से भारतीय न्याय सं

हिता में हुए संशोधन पर आधारित चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन भी हुआ, जिसमें चित्रकला विभाग के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

हिंदी के विभाग प्रमुख तथा दृश्यकला संकाय के अधिष्ठाता प्रो. डॉ. राजन यादव ने कार्यक्रम किया। विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव व शिक्षाविद डॉ. दिलीप घोष, सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता और निर्देशक प्रेम चंद्राकर, असिस्टेंट रजिस्ट्रार राजेश कुमार गुप्ता, विजय सिंह, प्रो, डॉ. मृदुला शुक्ल, समस्त विभाग प्रमुख, प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, अतिथि शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी, समस्त अधिकारी-कर्मचारी समेत विश्वविद्यालय परिवार समारोह में शामिल हुआ।