खैरागढ़ विश्वविद्यालय सामाजिक विषयों पर मुखर हुए कला साहित्य के विद्यार्थी एनएसएस के कार्यक्रम में विचारों को मिला मंच

खैरागढ़ विश्वविद्यालय सामाजिक विषयों पर मुखर हुए कला साहित्य के विद्यार्थी एनएसएस के कार्यक्रम में विचारों को मिला मंच • राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा स्वामी विवेकानंद के विचारों पर आधारित व्याख्यान संपन्न • मुख्य वक्ता के रूप में मुंबई से पहुंचीं प्राची पाटिल

खैरागढ़ विश्वविद्यालय      सामाजिक विषयों पर मुखर हुए कला  साहित्य के विद्यार्थी      एनएसएस के कार्यक्रम में विचारों को मिला मंच

खैरागढ़ विश्वविद्यालय सामाजिक विषयों पर मुखर हुए कला साहित्य के विद्यार्थी एनएसएस के कार्यक्रम में विचारों को मिला मंच 

• राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा स्वामी विवेकानंद के विचारों पर आधारित व्याख्यान संपन्न

• मुख्य वक्ता के रूप में मुंबई से पहुंचीं प्राची पाटिल

खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में 29 जनवरी को राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा स्वामी विवेकानंद की जीवनी पर आधारित व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में सुश्री प्राची पाटिल (मुम्बई) के द्वारा 'स्वामी विवेकानंद जी के नारी विचार एवं पुष्य श्लोका जीजा माता' विषय पर विशेष व्याख्यान दिया गया। उन्होंने स्वामी विवेकानंद की जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वामी जी के विचारों और पदचिन्हों पर चलकर, उनसे प्रेरणा लेकर युवा राष्ट्रनिर्माण में महति भूमिका निभा सकते हैं। उन्होनें विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। इस अवसर को संगीत संकाय के विद्यार्थियों ने संगीतमयी बनाने में सराहनीय भूमिका निभाई। 

 

राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के प्रभारी डॉ. दिवाकर कश्यप ने बताया कि संगीत संकाय में आयोजित इस व्याख्यान कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और एनएसएस कैडेट्स ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस कार्यक्रम में संगीत संकाय के अधिष्ठाता प्रो.डॉ. नमन दत्त, दृश्यकला संकाय के अधिष्ठाता प्रो. डॉ. राजन यादव, डॉ. लिकेश्वर वर्मा, डॉ. हरिओम हरि, डॉ विवेक नवरे, डॉ. शिवनारायण मौ

रे, सुगम शिवाले समेत बड़ी संख्या में विद्यार्थी और विश्वविद्यालय परिवार शामिल हुआ।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता सुश्री प्राची के साथ पधारीं ऋतू शर्मा के द्वारा तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता संपन्न कराया गया। विद्यार्थियों ने विभिन्न सामाजिक विषयों पर बेबाकी से अपनी बातें रखीं। इस प्रतियोगिता में जयश्री साहू (सकारात्मक विचार), रतन जैन (मतदान), एमजे प्रवीण कुमार (पर्यावरण), पूर्वी नगाइच (भारत की वीरांगनाएं), प्रियांशु पांडेय (गाँव से राष्ट्र विकास), पूनम शुक्ला (मेरे सपनों का भारत), सुमीत यादव (शक्ति का नाम नारी है), आकाश यादव (तन मन धन की स्वच्छता), देवहुति साहू (युवा देश के भविष्य ) और जीतू कुमार (कृषि) ने भाग लिया। इस सफल कार्यक्रम के लिए सुश्री ऋतू शर्मा ने कुलपति पद्मश्री डॉ. ममता (मोक्षदा) चंद्राकर, प्रभारी कुलसचिव प्रो डॉ नीता गहरवार समेत विश्वविद्यालय परिवार के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन शोधार्थी भरत बिदुआ ने किया।