रफी साहब के गीतों में आज भी झूम उठते है शहीद नगरी छुईखदान के प्रेमी

रफी साहब के गीतों में आज भी झूम उठते है शहीद नगरी छुईखदान के प्रेमी रफी साहब की आवाज ने कई को हीरो बना दिया सज्जाक खान कलाकारों को मौका मिले ऐसा कार्यक्रम का हों अयोजन हेमंत शर्मा

रफी साहब के गीतों में आज भी  झूम उठते है शहीद नगरी छुईखदान के प्रेमी

रफी साहब के गीतों में आज भी झूम उठते है शहीद नगरी छुईखदान के प्रेमी 

रफी साहब की आवाज ने कई को हीरो बना दिया सज्जाक खान 

कलाकारों को मौका मिले ऐसा कार्यक्रम का हों अयोजन हेमंत शर्मा 

 छुईखदान,,,, सुर सम्राट स्व,मुहम्मद रफी साहब के 44 पुण्यतिथि के अवसर पर न्यू म्यूजिकल ग्रुप एंड करावके अर्क्रेस्टा ग्रुप छुईखदान के द्वारा एक शाम रफी के नाम का कार्यक्रम अयोजित किया गया l जिसके सालो बाद भी उनके दीवानों की कभी कोई कमी नहीं रही। रफी साहब का छत्तीसगढ़ से आत्मीयता का नाता रहा है।

               जहां शुरूआती दौर की छत्तीसगढ़ी फिल्मों 'कहि देबे संदेस' और 'घर द्वार' के गीतों को उन्होंने अपनी आवाज दी। वहीं अब तक की ज्ञात जानकारी के मुताबिक देश के भीतर आखिरी विशाल सार्वजनिक कार्यक्रम रफी साहब ने भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) की लौह अयस्क खदान नगरी दल्ली राजहरा में 26 अप्रैल 1980 को दिया था। 

           दल्ली राजहरा के बाद देश में उनका आखिरी स्टेज परफार्मेंस 15 मई 1980 को मुंबई के षण्मुखानंद हॉल में हुआ था। फिर तीन दिन बाद भारत के बाहर आखिरी सार्वजनिक शो श्रीलंका में 18 मई 1980 को हुआ था और इसके बाद रमजान का महीना लग चुका था। जिसमें रफी साहब स्टेज प्रोग्राम नहीं देते थे। और रमजान के महीने में ही रफी साहब ने 31 जुलाई 1980 को आखिरी सांस ली थी।  

     

       देर रात तक चलता रहा कार्यक्रम 

  

            रफी साहब के पुण्यतिथि में नगर के गीतकारों ने एक से एक गाने रफी के गाए हुए गानों को गाकर उनको श्रद्धांजलि दिए l जिसमे,,,तुम मुझे भुला न पाओगे,,दिलीप नामदेव ने प्रस्तुत किया वैसे ही ,,राम जी की निकली सवारी राम जी की नैया है प्यारी गाने को राजकुमार वैष्णव ने गा कर कार्यकर्म में जान फूंक दिया,,, जनम जनम का साथ है निभाने को ,, गाने को अशोक चंद्राकर ने बड़े ही सुरताल के साथ प्रस्तुत किया ठीक उसी प्रकार से ,,,चाहे कोई मुझे जंगली कहे गीत को गाकर महेश वैष्णव ने खूब सुर्खियां बटोरी,,,कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि जिला प्रेस क्लब के अध्यक्ष सज्जाक खान ने कहा कि स्व,मोहम्मद रफी साहब ने अपनी आवाजों के दम पर कई लोगो को हीरो बना दिया जो उस जमाने में उनके आवाज के प्रयाय बन चुके थे जिसमे शम्मी कपूर राजेंद्र कुमार धर्मेंद्र के नाम आते है l कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व जिला पंचायत सदस्य हेमंत शर्मा ने कहा की आज हमारे नगर से संगीत नगरी की दुरी 12 कि, मी ,है लेकिन इस नगर से किसी ने कोई फायदा नही लिया , ऐसे कार्यक्रम का आयोजन होने से कलाकारों को मौका मिलता है ऐसा आयोजन शहर में होते रहना चाहिए l कार्यक्रम में उपस्थित छोटे राजा देवराज किशोर दास ने कहा कि ऐसा आयोजन के लिए मैं सदैव आप लोगो के साथ हूं l 

 

          कार्यक्रम के दूसरे राऊंड में गंडई से आए गायक संजू यादव ने आने से उसके आई बहार,,बड़ी मस्तानी है मेरी महबूबा गाकर कार्यक्रम में रंग डाल दीया,,,कार्यक्रम में किशोर कुमार के गीत पल पल दिल के पास तुम रहती हो को गाकर कमलेश यादव ने शमा बांधा,,आज कल याद कुछ रहता नही संजय कुमार यादव ने गाया,, स्व, रफी साहब द्वारा गाए गए छत्तीसगढ़ी गाना ,, गोंदा फूल गै मोर राजा गीत को अशोक चंद्राकर ने गाया,,, नगर के गायक यशवन्त वर्मा ने आजा तुझको पुकारे मेरे गीत रे़ गीत की प्रस्तुति देकर सबकी वाहवाही लूटी,,दिल की आवाज भी सुन,इल्जाम लगाने पे न जा गाने को राजकुमार वैष्णव ने गाया,, नज

राना भेजा है किसी ने प्यार का गीत को उदय चंदेल ने प्रस्तुत किया,,कार्यक्रम के आखिर में नगर के युवा गायक हर्ष चंद्राकर ने एक अजनबी हसीना से गाना को गाकर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया,l

इस प्रोग्राम में कार्यक्रम संचालन का जिम्मा अशोक चंद्राकर ने किया।कार्यक्रम में महिलाओ ने अपनी उपस्थिति देकर एक देश भक्ति गाने की प्रस्तुति दी जिसे श्रीमति किरण गुप्ता और श्रीमति नामदेव ने गाया l चूंकि म्यूजिकल ग्रुप के द्वारा हुए आयोजन में पहली बार महिलाओ ने अपनी प्रस्तुति दी जो कार्यक्रम को बेहद सफल बनाने में सफल रहा और लोगों के जहन में कई यादें छोड़ गया। कार्यक्रम में नगर के योगेंद्र सोनी आलोक बक्शी जे के वैष्णव जंघेल सर सूरज यादव शुभम् चंद्राकर संजय तिवारी मोहन जघेल सहींत संगीत प्रेमी उपस्थित थे