विकसित भारत खैरागढ़ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने रखे विचार

विकसित भारत खैरागढ़ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने रखे विचार कला संस्कृति के साथ बेरोजगारी सुरक्षा पर भी अभिव्यक्त हुए युवा खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में विकसित भारत 2047 वॉयस ऑफ यूथ कार्यक्रम के अंर्तगत परिचर्चा आयोजित की गई। इस परिचर्चा में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। युवाओं ने अपने विचारों से अवगत कराया

विकसित भारत  खैरागढ़ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने रखे विचार

विकसित भारत खैरागढ़ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने रखे विचार                                                                             

                            कला संस्कृति के साथ बेरोजगारी सुरक्षा पर भी अभिव्यक्त हुए युवा 

खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में विकसित भारत 2047 वॉयस ऑफ यूथ कार्यक्रम के अंर्तगत परिचर्चा आयोजित की गई। इस परिचर्चा में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। युवाओं ने अपने विचारों से अवगत कराया कि जब भारत की स्वतंत्रता को 100 वर्ष पूरे हो रहे होंगे, तब वह कला, संस्कृति, परंपरा, शिक्षा, सुरक्षा, पर्याावरण, रोजगार आदि विभिन्न सामाजिक विषयों के संदर्भ में विकसित भारत के कैसे स्वरूप की कल्पना करते हैं। कुलसचिव प्रो.डॉ. नीता गहरवार की अध्यक्षता में संपन्न इस परिचर्चा में विश्वविद्यालय परिवार शामिल हुआ।

कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. देवमाईत मिंज (अधिष्ठाता, छात्र-कल्याण) ने बताया कि कुलपति पद्मश्री डॉ. ममता (मोक्षदा) चंद्राकर के संरक्षण में संपन्न इस कार्यक्रम में रागिनी सिंह, बालेंदू मिश्र, सप्तर्षी मंडल, श्रेयषी बिस्वास, वेणुप्रिया, सूर्यांजलि झा, मोनालिसा मजूमदार, रागेश्री दास चौधरी, जयश्री साहू, मोहित राणा, डेविड सोलंकी और सोनल बागडे़ आदि विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में संयोजिका डॉ. देवमाईत मिंज ने विकसित भारत @ 2047 वॉयस ऑफ यूथ कार्यक्रम के महत्व और उद्देश्य पर विस्तार से संबोधन दिया। उसके बाद विद्यार्थियों को 3-3 मिनट का समय देते हुए विचार अभिव्यक्ति के लिए आमंत्रित किया गया। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में अध्ययनरत अलग-अलग राज्यों के मूल निवासी विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह के साथ विकसित भारत पर अपने विचार रखे। विद्यार्थियों ने कई सम-सामयिक घटनाओं का उल्लेख करते हुए शिक्षा, सुरक्षा, कला, संस्कृति, परंपरा, बेरोजगारी, पर्यावरण आदि अनेक सामाजिक विषयों पर मुक्त और स्वतंत्र स्वर में अपनी अभिव्यक्ति दी।

कार्यक्रम में प्रभारी कुलसचिव प्रो. डॉ. नीता गहरवार, अधिष्ठाता प्रो डॉ. काशीनाथ तिवारी, प्रो. डॉ. राजन यादव, प्रो. डॉ. नमन दत्त, डॉ. योगेंद्र चौबे ने भी अपने प्रेरक उद्बोधनों से विद्यार्थियों को विषय की जानकारी दी तथा देशहित में अपने विचारों को साझा करने लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में प्रो. डॉ. मृदुला शुक्ल, डॉ. लिकेश्वर वर्मा, डॉ. दीपशिखा पटेल, डॉ. दिवाकर कश्यप, डॉ. हरिओम हरि, विवेक नवरे, कपिल वर्मा, डॉ. आशुतोष चौरे, असिस्टेंट रजिस्ट्रार राजेश गुप्ता, विजय सिंह, डॉ. बिहारी तारम, डॉ. नत्थू तोड़े, डॉ. परम आनंद पांडेय, डॉ. शेख मेदिनी होंबल, डॉ. विकास चंद्रा, डॉ. कौस्तुभ रंजन, डॉ. अजय पांडेय, डॉ. मंगलानन्द झा, डॉ. शिवाली सिंह, कपिल वर्मा, डॉ. सुशांत दास, डॉ. जे मोहन, प्रबोध गुप्ता, मुकेश भट्ट, जन सम्पर्क अधिकारी विनोद डोंगरे समेत विश्वविद्यालय परिवार शामिल हुआ।