आखिरकार शैतान बंदर रेड मंकी पकड़ा गया
आखिरकार शैतान बंदर रेड मंकी पकड़ा गया ( अधिकारी कर्मचारी की रूचि , आदेश और सक्रियता से पकड़ा गया रेड मंकी ) (वन विभाग की सक्रियता और टीम वर्क ने 24 घंटों में शैतान बंदर को दबोचनें में सफल रही )
आखिरकार शैतान बंदर रेड मंकी पकड़ा गया
(अधिकारी कर्मचारी की रूचि , आदेश और सक्रियता से पकड़ा गया रेड मंकी )
(वन विभाग की सक्रियता और टीम वर्क ने 24 घंटों में शैतान बंदर को दबोचनें में सफलता हासिल की )
छुईखदान-लगभग एक माह से इस नगर में किसी के पालतू बंदर अपनें मालिक के चंगुल से छूट जाने के बाद नगर में घूम घूम कर लोगों को भयभीत कर रखा था गत दिनों उक्त बंदर के द्वारा लोगों को नुकसान पहुचाने की खबर मिल रही थी परन्तु छोटी मोंटी घटनाओ को लोग नजर अंदाज ही कर रहे थे हद तो तब हो गई जब उक्त शैतान बंदर नें जयस्तंभ के पास दुबे आटो डील के सामनें एक छोटी बच्ची को काटकर लहुलुहान कर दिया बच्ची पर हमला होते देख आटो डील के संचालक संजीव दुबे सहित अनेको लोग बच्ची की ओर दौड़े और बड़ी मशक्कत के बाद बच्ची को बचानें में सफल हुए परन्तु तब तक उक्त शैतान बंदर नें अपना काम कर दिया था बच्ची को लगभग आधा दर्जन स्थानों पर उस शैतान बंदर नें घाव कर दिए थे जिसके बाद जिला प्रेस क्लब के अध्यक्ष सज्जाक खान और जगन्नाथ सेवा समिति ने इसकी शिकायत दूरभाष से वन विभाग के आला अफसरों को घटना की जानकारी देते हुए कार्यवाही की मांग की थी।
सूचना मिलते ही वन परिक्षेत्राधिकारी अशोक वैष्णव एवं डिप्टी रेंजर बंजारी की ओर से उक्त शैतान बंदर(रेड मंकी)को हर हाल में तत्काल पकड़नें का आदेश जारी हुआ घटना एवं जानकारी के तत्काल पश्चात आदेश मिलते ही वन विभाग के अधिकारी यों ने उक्त बंदर को पकड़ने के लिए दस लोगों की टीम बनाई और कर्मचारी पिंजरा सहिंत बंदर पकड़नें के तमाम उपकरण लेकर बंदर की तलाश में निकलें जाल बिछाया और अंततः आज शाम होनें से पहले ही उक्त शैतान बंदर(रेड मंकी) वन विभाग के कैद में था ,इधर जैसे ही नगर के लोगों को उस शैतान बंदर के पकड़े जानें की खबर मिली तो लोगों नें चैन की सांस ली और गत कुछ दिनों से भय के चलते अपनें छोटे बच्चों को घरों में कैद कर रखा था उन्हे इस ग्रीष्माकलीन छुट्टी के लिए पुनः खेलने के छोड़ दिया।
( अधिकारीयों के आदेश और सक्रियता का परिणाम )
इस पूरे घटनाक्रम मे इस बात की तारीफ हो रही है कि मात्र चौबीस घंटे के भीतर ही किसी शैतान बंदर केा पकड़नें में कैसे सफलता प्राप्त होती है,इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है कि वन परिक्षेत्र अधिकारी श्री अशोक वैष्णव ने मामले को गंभीरता से लिया । तथा इस तपती गरमी मे ंभी अपनें अधिनस्थ कर्मचारियों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर इस मुहिम को उसके अंजाम तक पहुचानेे की जिद लेकर इधर उधर भटकते रहे। अधिकारीयो के आदेश को जिस गंभीरता से वन विभाग के कर्मचारियों ने लिया है यहां इसकी भी प्रशंसा हो रही है लोगो नें कहा कि यदि सभी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी एक हो जाएं तो इस शहंर मे एक अलग ही बयार चल पड़ेगी।
( सफलता टीम वर्क का परिणाम-अधिकारीगण )
उक्त प्रकरण में वन विभाग के अधिकारीयों नें बताया कि किसी भी शिकायत का समाधान हमारे लिए सर्वोपरि है और जब मामला जानमाल की हानि की हो तो विषय की गंभीरता और भी बढ़ जाती है निराकरण के लिए हमने अपनें अधीनस्थो को आदेश दिया साथ ही अधिनस्थों के हौसला एवं मार्गदर्शन के लिए स्वयं भी उपस्थित ंहोकर समस्या को सुलझाना हमारी टीमवर्क का ही एक हिस्सा है जिसके कारण ही मात्र चौबीस घंटो ंके भीतर एक शैतान बंदर (रेड मंकी )को पकड़नें मे ंसफलता मिल सकी है आपने बताया कि उक्त बंदर आज सुबह ही पकड़ लिया जाता जो कि पिजरे मे पहुंच चुका था परन्तु चारा खाने के समय चालाकी अपनेी चपलता से निकलनें में सफल हो गया था जिसके कारण संलग्न कर्मचारियो को पुनः बंदर पकड़ने से संबंधित दिशा निर्देश और तकनिकी जानकारी दी गई और हम सफल रहे।
( नगरवासीयों ने दी वन विभाग को धन्यवाद)
नगर वासीयों ने आज क्षेत्र में आतंक मचाने वाले बंदर को पकड़ने में सफलता पाने वाले विभाग के कर्मचारीयों को धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि यह प्रकरण सिर्फ वन विभाग का नहीं था अपितू हम सबकी जिम्मेदारी बनती है। कि हम सभी आगे बढ़कर उक्त घटना (समस्या )को सुलझाने में अपनी सहभागिता बनाए रखें।
उक्त टीम वर्क में चंदन धावड़े,कु अंजनी वर्मा ,कु टीमन भूआर्य,के साथ दैवेभो कर्मचारी मनहरण लोधी,रमेश मानिकपुरी,अजय जंघेल,भागवत चंद्राकर,सुखउ गोंड़ सूर्यकांत चंद्राकर आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे है,लोगों नें वन विभाग के समस्त अधिकारीयों कर्मचारियो को साधुवाद ज्ञापित किया है।