राखी मे दिखा भाई बहन का प्यार भाई के हांथो में रक्षा की सुत्र बांधकर बहन ने मांगा अपनी सुरक्षा का वादा
राखी मे दिखा भाई बहन का प्यार- भाई के हांथो में रक्षा की सुत्र बांधकर बहन ने मांगा अपनी सुरक्षा का वादा ( मुहुर्त के कारण दो दिन मनाए रक्षाबंधन ) छुईखदान‘-राजनितिक उठापठक केे बीच में इस साल भी विकासखंड मे भाई बहन का त्यौहार राखी बड़े ही धूमधाम से मनाते देखा गया यहां राखी के ठीक दो दिन पहले से ही बाजार गर्म होते स्पष्ठ दिखाई दे रहा था जबकि पूरे जिले मे इस साल कहीं कम तो भारी वर्षा के कारण किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई है
राखी मे दिखा भाई बहन का प्यार-
भाई के हांथो में रक्षा की सुत्र बांधकर बहन ने मांगा अपनी सुरक्षा का वादा
( मुहुर्त के कारण दो दिन मनाए रक्षाबंधन )
छुईखदान‘-राजनितिक उठापठक केे बीच में इस साल भी विकासखंड मे भाई बहन का त्यौहार राखी बड़े ही धूमधाम से मनाते देखा गया यहां राखी के ठीक दो दिन पहले से ही बाजार गर्म होते स्पष्ठ दिखाई दे रहा था जबकि पूरे जिले मे इस साल कहीं कम तो भारी वर्षा के कारण किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई है। परन्तु सावन के अंतिम सोमवार के बाद आने वाले भाई और बहनों का सबसे बड़ा त्योहार रक्षाबंधन को क्षेत्रवासीयों ने बड़े धुमधाम से मनाया । इस बार राखी पर अच्छा खासा व्यापार हो रहा है साथ ही लोगों मे त्यौहार को लेकर उत्साह भी बना हुआ है लोगो ने जहां जमकर राखी में,नए कपडे मेंहंदी और मिठाईयो की खरीदी की है वही ग्रामीण अंचल मे इस त्योहार के समय घर में बनने वाले घरेलू पकवानो के लिए डालडा तेल मैदा शक्कर गुड नारियल आदि की भी भरपूर व्यापार होते दिखाई दिया है।
ज्ञात हो कि इस नगर मे विभिन्न सम्प्रदाय व धर्म के मानने वाले निवास करते है परन्तु इस नगर की प्राचीन परंपरा के अनुसार आने वाले किसी भी त्यौहार को सभी धर्म के मानने वालो के द्वारा पूरा सम्मान देते हुए एक साथ मिलकर मनाने की परंपरा है खासकर राखी के त्यौहार पर अन्य धर्मावलंबीयो केे हाथो मे भाई बहन के स्नेह का साक्षी राखी से सजी कलाई इस बात का साक्षाी होता है। और जब ईद आती है तो उस दिन ईस्लाम को मानने वालेो को अन्य धर्म के मानने वालो केे गले मिलकर दिया जाने बाला मुबारक-बाद इस शहर की आपसी भाईचारा का स्पष्ट उदाहरण बनता है।
इधर आषाढ और सावन के महिने में लगभग हो
रहे भारी वर्षा के कारण फसल कहीं नष्ट होने के कगार पर है तो पानी की आश लगाए किसान बैठे है। फिर भी किसान अपने किसानी में हार होते देखने के बाद भी राखी त्योहार के प्रति खुश दिखाई दे रहे थे। परन्तु भगवान और खुदा के उपर अपने भरोसे को प्रबल रखते हुए अपने चेहरो की मायुसी को दुर कर राखी की खुशीयां बटोरने के लिए तत्पर दिखे । साथ ही बाजार मे उनके व उनके परिजनो ने खासकर बेटियो के द्वारा राखी केा लेकर क्र्रय करने का उत्साह यह बयां कर रहा था कि अब उन्हे वह सब मिलेगा । जो वे इस साल किसानों केा किसानी के लिए प्रकृति से चाहते थे। इस प्रकार इस बार नगर मे भाई बहन का त्यौहार पूरे उत्साह व उमंग से मनाया गया। वहीं नगर में राखी छोटे भाइयों को बहन की राखी का इंतजार करते देखा गया । और भाई को राखी बांधनें में बहन कोे भी भारी मशक्कत करना पडा़। छोटे भाई को राखी बांधना बहनो के लिए भारी ताकत वाला काम रहा है।तो बड़े भाईयों से मिलने वाला उपहार का इंतजार भी बहने करती रही । इस क्षेत्र में बहनों ने टोली बनाकर अपने अपने भाईयों का राखी बांधने निकली तो कहीं भाईयों ने अपनी बहनों के घर जाकर राखी बंधवाए।