कृषि महाविद्यालय में राष्ट्रीय युवा दिवस कार्यक्रम का आयोजन
कृषि महाविद्यालय में राष्ट्रीय युवा दिवस कार्यक्रम का आयोजन ज्ञान की प्राप्ति हेतु श्रद्धावान होना अत्यंत आवश्यक ,,,,,, राजन यादव छुईखदान -=-रानी अवंती बाई लोधी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, छुईखदान में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया गया
कृषि महाविद्यालय में राष्ट्रीय युवा दिवस कार्यक्रम का आयोजन
ज्ञान की प्राप्ति हेतु श्रद्धावान होना अत्यंत आवश्यक ,,,,,, राजन यादव
छुईखदान -=-रानी अवंती बाई लोधी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, छुईखदान में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ. राजन यादव, अधिष्ठाता, दृश्य कला संकाय एवं विभागाध्यक्ष, शिक्षाविद्, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ रहे। मुख्य अतिथि द्वारा अपने उद़बोधन में स्वामी विवेकानंद जी के विचारों को बताते हुए कहा कि ज्ञान की प्राप्ति हेतु श्रद्धावान होना अत्यंत आवश्यक है तथा समस्त पापों का जड़ भय है। साथ ही बताया कि युवा से ही समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकते है। मुख्य अतिथि महोदय ने छात्र-छात्राओं को शिक्षा प्राप्त कर विनम्र रहने हेतु प्रेरित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. ए के. गुप्ता ने भारत को युवाओं का देश बताते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि युवा शक्ति एवं जिज्ञासाओं से परिपूर्ण होता है। साथ ही सफलता प्राप्ति हेतु रचनात्मकता, ईमानदारी एवं साहस का होना अत्यंत आवश्यक बताया। स्वामी जी ने जो कुछ भी लिखा है वह समाज एवं देश के लिए हितकर है और वह आने वाले लम्बे समय तक हमें पथ प्रदर्शक करता रहेगा। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में उन्होंने वर्तमान भारत को दृढ़ रूप से प्रभावित किया है। साथ ही इस अवसर पर उन्होंने कृषि छात्रों को अपने दायित्व का निर्वहन सही ढंग से करने की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी वैज्ञानिक डॉ ओमनारायण वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि विद्यार्थी जीवन में अध्ययनशील, संयमी, चरित्र निर्माण के लिए आत्मानुशासन लाकर अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने के प्रयास करने चाहिए। जिसके लिए समय का सदुपयोग आवश्यक है। बिना शिक्षा के कोई भी युवा अपने जीवन को सुचारू रूप से चलाने में अक्षम रहता है। यदि कोई युवा अपने विद्यार्थी जीवन के समय का सदुपयोग कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है तो वह देश के उज्जल भविष्य का निर्माता होता है एवं देश की उन्नति की बागडोर उन्ही पर निर्भर है। इस अवसर पर महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक
श्रीमती राजेश्वरी कुर्रे ने अपने उद्बोधन में विवेकानंद जी के जीवन के बारे में बताया एवं कहा की यदि भारत के युवा सही दिशा में अपना ज्ञान एवं ऊर्जा लगाता है तो भारत को विश्व में अव्वल बनाने से कोई नही रोक सकता।
कार्यक्रम के दौरान रा.से.यो. स्वयंसेवकों ने स्वामी विवेकानन्द जी के जीवन आदर्शो पर अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक कार्यक्रम में डॉ. परमेश्वर कुमार साहू, डॉ. पंकज भार्गव, श्रीमती तामिन, डॉ. सेवक ढेंगे, श्री रायसेन पाल, श्री कोमल प्रसाद गांवरे, श्री सुनिल, श्रीमती जलेश्वरी कंवर, कु. पूर्णिमा निषाद सहित छात्र-छात्राओं ने अपनी सहभागिता निभाई। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन श्री देवेन्द्र कुर्रे ने किया।