नगर में रथयात्रा की धूम राजा गिरिराज किशोर ने अपने परिवार के साथ खींची रथ
नगर में रथयात्रा की धूम -- राजा गिरिराज किशोर ने अपने परिवार के साथ खींची रथ भगवान जगन्नाथ निकले रथ पर जय जगन्नाथ समिति ने कराई प्रसादी प्रसाद लेने उमड़ी भक्तों की भीड़

नगर में रथयात्रा की धूम -- राजा गिरिराज किशोर ने अपने परिवार के साथ खींची रथ
भगवान जगन्नाथ निकले रथ पर
जय जगन्नाथ समिति ने कराई प्रसादी
प्रसाद लेने उमड़ी भक्तों की भीड़
छुईखदान ===.शहीद नगरी छुईखदान में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर से हर साल हजारों की संख्या में भक्तगण भगवान जगन्नाथ की रथ खींचने के लिए कतार लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते है।
इस नगर के हजारों वर्षों के धार्मिक सांस्कृतिक सामाजिक ताने-बाने का प्रत्यक्ष साक्षी रहा रियासत कालीन जगत्राथ मंदिर (बड़े जमात) में भारत वर्ष सहित नगर की प्राचीन धार्मिक सामाजिक परंपरा के अनुरूप इस बरस भी भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र भैया व बहन सुभद्रा के साथ भक्तों नगर व क्षेत्र वासियो को दर्शन देने और भेट करने के लिए अपने निज वास जगन्नाथ मंदिर (बड़े जमात) से बाहर निकलें और पूरे नगर के मुख्य मार्गो चौक चौराहो से होकर पुनः निज वापस लौट आए ।
ज्ञात हो कि आषाढ माह के शुक्ल पक्ष द्वितीया को उड़ीसा प्रान्त के पुरी धाम सहित पूरे देश और अब विदेशो सहित विश्व भर मे रथ यात्रा का पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है इस दिन इस रियासत कालीन नगर में भी सैकड़ो वर्ष प्राचीन मंदिर से रथ यात्रा निकाले जाने की परंपरा आज भी जारी है और हर बरस इस परंपराओ का पुनरावृत्ति की जाती है ।
राजा गिरिराज किशोर दास अपने परिवार के साथ खींचे रथ
भगवान जगन्नाथ की रथ को खींचने के लिए छुईखदान सहित छेत्र के हजारो श्रद्धालु रथ खींचने के लिए रथ का इंतजार करते है ,उसी रस्म अदायगी के लिए पूरा राज परिवार राजमहल भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने के लिए इंतजार किए और महल के पास भगवान की यात्रा आने के बाद पूरा परिवार पूजा अर्चना कर भगवान जगन्नाथ की रथ को अपने हाथों से खींचते हुए नगर भ्रमण के लिए निकले जिसमें उनके साथ उनके अनुज छोटे राजा देवराज किशोर दास एवं रानी नम्रता वैष्णव अपने दोनों बेटों के साथ नगर वासियों को रथयात्रा की बधाई देने सबसे मिलते दिखे ।ज्ञात हो कि नगर में स्थित भगवान जगन्नाथ की तीन सौ बरस पुराना विशाल मंदिर स्थित है । जहा पर भगवान जगन्नाथ की हर रोज सुबह शाम पूजा अर्चना की जाती हैं।आज रथ यात्रा को लेकर नगर पंचायत छुईखदान के अध्यक्ष रानी नम्रता गिरिराज किशोर ने दास भगवान जगन्नाथ के पूजा अर्चना कर नगर के विकास के लिए भगवान से आशीर्वाद मांगा।
गजा-मूंग प्रसाद का महत्व और वितरण
इस दिन नगर में निकलने वाली पारंपरिक रथ के अवसर पर मंदिर समिति और भक्तो की ओर से नीजी तौर पर देशी बड़े चने और मुंग मिश्री के प्रसाद का वितरण किया जाता है जिसे गजा-मुंग कहते है छत्तीसगढ़ की सामाजिक परंपरा में गजा-मुंग का महत्वपूर्ण स्थान बताया गया है वर्ष में केवल इसी दिन ही भगवान जगन्नाथ के रथ यात्रा के दिन गजा-मूंग के प्रसाद को एक दूसरे को खिलाकर गजा-मुंग बदते है फिर जीवन पर्यंत तक एक दूसरे का नाम नहीं लेते पूरी ईमानदारी और समर्पित भाव से एक दूसरे के सुख दुख में साथ निभाते है जिसे आज अटूट मित्रता कहते है जिसे सगे रिश्ते से भी बढ़कर माना जाता है वह आज भी कायम है।
जय जगन्नाथ सेवा समिति द्वारा महाभोग भंडारे का वितरण
हर बरस को तरह इस साल भी नगर की संस्था जय जगन्नाथ सेवा समिति की ओर से यहां रथ यात्रा के दर्शन हेतु आए भक्तगणों के लिए प्रभु प्रसाद के रूप मे महाभोग भंडारा वितरण किया जाता है जिसके तहत हलुआ पूरी खिचड़ी साग पुलाव बूंदी आदि का भरपूर वितरण किया जाता है जो यहां होने वाले उक्त आयोजन का मुख्य आकर्षण का केंद्र रहता है जहां पर हजारों की संख्या में श्रृद्धालु पहुंचते है और प्रसाद ग्रहण कर प्रसाद को अपने अपने घर परिवार मे वितरण कर पुण्य के भागीदार बनते है।
तीन सौ साल से भी अधिक का है इतिहास
नगर के जगन्नाथ मंदिर का इतिहास को रियासत के इतिहास के साथ भी जोड़कर देखा जाता है जानकारी के अनुसार यहां का इतिहास तीन सौ सालों से भी अधिक बताया जाता है कहते है कि जिस प्रकार पुरी मे भगवान जगन्नाथ नौ दिनो तक अपनी मौसी के घर रहते है ठीक उसी प्रकार यहां अपने निजवास से पृथक स्थान पर रहने की परंपरा थी परंतु वर्तमान में नगर फेरी के बाद भगवान वापस निजवास लौट आते है।
नगर के इन स्थानो से होकर गुजरी रथ यात्रा
जमात पारा स्थित अपने निज धाम जगन्नाथ मंदिर से निकलकर प्रभु राज महल चौक, बाई साहब मंदिर चौक होकर , मुख्य बाजार लाईन होकर ब्राम्हण पारा रानी मंदिर चौक महोबिया पारा जमुना चौक जय स्तंभ चौक बस स्टैण्ड, अस्पताल चौक, होकर महाभोग विवरण स्थल पुराना पुलिस थाना चौक होकर केवट पारा कंडरा पारा होकर पुनः अपने निजवास मंदिर पहुंची तत्पश्चात भगवान श्री की संध्या आरती प्रसाद वितरण के साथ ही यात्रा और पर्व का समापन हुआ जिसमे भक्तगण जगह-जगह प्रभु की
सेवा पूजा कर मनोवांछित आशीर्वाद व अभिष्ठ फल प्रभु से प्राप्त किए, वहीं नगर के प्रतिनिधी भजन कीर्तन मंडली बजरंग मानस मंडली का यात्रा के दौरान सतत् प्राचीन भजन कीर्तन की सेवा जारी रहती है।
इस प्रकार से भगवान जगन्नाथ के महापर्व रथ यात्रा का समापन हुआ जिसमे होने वाले विभिन्न व्यवस्थाओ आयोजनो मे अनेको समितियां और लोग अपनी-अपनी सेवाओं के माध्यम से संस्कारो संस्कृतियो धार्मिक समरसता उत्साह प्रभु के प्रति प्रेम भाव प्रकट करते हैं।