स्वामी आत्मानंद स्कूल छुईखदान मेँ गन्दगी का अम्बार स्कुल प्रशासन के ऊपर से उठा भरोसा स्वामी आत्मानंद स्कूल छुईखदान मेँ गन्दगी का अम्बार स्कुल प्रशासन के ऊपर से उठा भरोसा
स्वामी आत्मानंद स्कूल छुईखदान मेँ गन्दगी का अम्बार स्कुल प्रशासन के ऊपर से उठा भरोसा -गंदा और बदबूदार दुर्गन्ध से संक्रामक बिमारी फैलने का अंदेशा - प्राचार्य ने कहाँ नहीं आता किसी भी प्रकार का फंड - छुईखदान-=-एक आदर्श शैक्षणिक संस्थान की परिकल्पना को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य शासन, खासकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की रूचि से संपूर्ण राज्य मे स्वामी आत्मानंद स्कूल की स्थापना की गई और स्कुल के उन्नयन के लिए बिल्डिंग से लेकर फर्नीचर की व्यवस्था किया गया
स्वामी आत्मानंद स्कूल छुईखदान मेँ गन्दगी का अम्बार सफाई व्यवस्था हुआ चौपट स्कुल प्रशासन के ऊपर से उठा छात्र और पालकों का भरोसा - गंदा और बदबूदार दुर्गन्ध से संक्रामक बिमारी फैलने का अंदेशा - - प्राचार्य ने कहा नहीं आता किसी भी प्रकार का फंड कैसे कराएं मेंटेनन्स का कार्य -
छुईखदान-=-एक आदर्श शैक्षणिक संस्थान की परिकल्पना को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य शासन, खासकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की रूचि से संपूर्ण राज्य मे स्वामी आत्मानंद स्कूल की स्थापना की गई और स्कुल के उन्नयन के लिए बिल्डिंग से लेकर फर्नीचर की व्यवस्था किया गया ,ताकि छ,ग,प्रदेश के नौनिहाल को राष्ट्रीय स्तर का अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा उपलब्ध हो सके,कहना न होगा कि शुरू शुरू मे सरकार की इस कल्पना को साकार करने मे स्कूल प्रशासन और शिक्षकों की ओर से भरपूर सहयोग मिल रहा था,पर अब जब उसी स्टाप और प्रशासन का मतलब निकल गया, अर्थात सब कुछ सेटल हो गया उसके पश्चात स्वामी आत्मानंद स्कूल की वो गरिमा,गौरव, और परिकल्पना ढाक के तीन पात सी हो गई है , और अब स्कुल का स्तर अथवा आलम ये है कि राष्ट्रीय सुविधा वाला यह स्कूल अब अपने ही गंदगी मे लिपटा दिखाई दे रहा है,क्योकि सेटल होने के बाद जवाबदार लोगो का मतलब निकल गया है,पूछे जाने पर बजट नही होने का रटा रटाया जवाब भी हाजिर है।
उपरोक्त घटना यहां स्थित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के बाथरूम और शौचालय की है,बताया जाता है कि जब उक्त स्कूल के शौचालय को देखा तो पाया कि चारो तरफ मटमैंले गंदगी, भयानक बदबू का आलम था,सामान्य रूप से हर कोई यहा जरूरत पढ़ने पर भी जाने से बचता है,जहां की सडांध उस कमरे को पार कर कक्षाओं तक आ जाती है ,बच्चो का मन पढाई से ज्यादा उस बदबू से बचने मे लगा रहता है । गन्दगी की बारे मेँ जितनी चर्चा करें उतना ही कम है जहाँ एक बेसिन टुटा पड़ा है तो वाटर कूलर के पास पान और गुठके की दाग इतिहास लिख रहा है तो कही पर बाथरूम के सिटकनी टूटी हुईं है तो कही पर बेसिन का सिंक ही गायब है,,और तो और जो बच्चा शुज पहन कर चला गया तो शूज पानी से तरबतर हो जाता है,,
बदइंतजामी की इस हालात पर जब स्कूल प्रशासन और जवाबदार लोगो से चर्चा की गई तब चौकाने वाला जवाब मिला कि उनके यहा इस व्यवस्था के सुधार के लिए किसी भी प्रकार का बजट नही है अर्थात स्कूल शौचालय की हालात वही ढाक के तीन पात जैसे ही रहने वाली है।
चुनांचे आगामी विधानसभा का चुनाव सामने आ गया है,ऐसे मे किसी तरह का खर्चा या चेक आदि पर पूरी तरह से प्रतिबंध जैसा ही होता है,अतः आगामी दो माह तक इस बदबू से छात्र छात्राओ को निजात मिल पाए ऐसे उम्मीद लगाना बेईमानी लगती है, इस मामले को लेकर पालक वर्ग मे खासा नाराजगी देखी गई है और मामले को गैर राजनैतिक व बच्चो के स्वास्थय से जोडकर देखा जा रहा है कल के यदि कोई घटना होती है जवाबदार लोगो को भी जबाव देना पड़ सकता है। ,,,वाटर कूलर के निचे पान और गुठके की थूक से छात्र परेशान ,, स्कुल के कुछ छात्रों ने बताया की वाटर कूलर तो लगा है लेकिन आप वहाँ पर जाकर पानी नहीं पी सकते कोई है जो कूलर के आसपास पान गुठका ख़ाकर थूक देते है जिसके कारण घिन्न महसूस होता है और पानी पिने की इच्छा नहीं होती वहाँ पर तो खड़ा होना भी दुभर लगता है अब यहाँ पर यक्ष प्रश्न यह है की आखिर स्कुल के वाटर कूलर के पास कौन गन्दगी कर रहा है क्या उनके ऊपर कार्यवाही होगी ? ? ? ? ,,नगर पंचायत उपाध्यक्ष ने की कार्यवाही की मांग,, वैसे तो इस स्वामी आत्मानंद स्कुल का जिम्मा पूर्णतः कलेक्टर के हाथो मेँ होता है लेकिन स्थानीय व्यवस्था के तहत कार्य किये जाते है जिससे स्कुल का संचालन सूचारु रूप से बदस्तूर जारी रहें, लेकिन छुईखदान मेँ संचालित स्वामी आत्मानंद स्कुल के लिए प्रशासन के स्टॉफ की संविदा नियुक्ति की गई है कुछ शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर है, जो अपना समय काट रहें है,लेकिन प्राचार्य प्रशासन द्वारा नियुक्त किया गया है जिसके बाद भी स्कुल मेँ पसरी गन्दगी क़ो देखकर नगर पंचायत उपाध्यक्ष उमाकांत महोबिया ने स्कुल का निरिक्षण कर नाराजगी प्रदर्शित करते हुये कहाँ की अगर स्कुल का हालात यही रहा तो पालक अपने बच्चों क़ो अन्यत्र भर्ती करेंगे,, श्री महोबिया ने प्रशासन से इस ओर जांच कर कार्यवाही की मांग की है,ज्ञात हो की कलाश रूम मेँ भी हालत कुछ ऐसा ही है,, जिसमे पंखे बंद है तो बंद है कोई देखने वाला नहीं है, कई क्लास रूम मेँ कैसिंग बोर्ड पर स्विच अंदर घुसा पड़ा है जो कभी भी किसी दुर्घटना क़ो दावत परोसने के लिए प्रयाप्त है जिसे देखते हुये नगर पंचायत उपाध्यक्ष उमाकांत महोबिया ने पाँच कमरों मे पंखा का इंतजाम करवाया है,, ,,,पालक संघ ने की जाँच की मांग,,, स्वामी आत्मानंद स्कुल के पालक संघ ने स्कुल मेँ आने वाले फंड और व्यवस्था क़ो लेकर कलेक्टर महोदय से जाँच की मांग किये है,जिससे प्रशांसन द्वारा की गई व्यवस्था क़ो पालक तक पहुंचाया जा सके,, ,,,स्कुल मेँ शिक्षकों की कमी,,, प्रशांसन के द्वारा स्कुल प्रारम्भ के पश्चात् ही संविदा नियुक्ति के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति गई है जिसमेँ कुछ शिक्षको के द्वारा मनपसंद स्थान मिलने पर नौकरी से इस्तीफा देकर दूसरे स्थान पर ज्वाइनिंग लेने की खबर है जिससे इस स्कुल मेँ शिक्षकों की कमी हो रहा है, एवं इस स्कुल के छात्रों के मन मेँ भी पढ़ाई क़ो लेकर चिंता बना हुआ है, ज्ञात हो की यहाँ लैब टेक्निशियन क़ो भी क्लास लेना पड़ रहा है ,,जिसे लेकर पालको मेँ नाराजगी देखी जा रही हैं,, अगर यही हाल रहा तो अगले बरस यहाँ पर पढ़ने वालो की संख्या मेँ कमी आ जावेगी,,
,,इस सबंध मेँ स्वामी आत्मानंद स्कुल के प्रचार्य हीरान्तक द्ववेदी का कहना है की स्कुल मेँ अभी किसी प्रकार का फंड नहीं आ रहा है हम कैसे कार्य कराएं,