गौठान बन रहा स्व सहायता समूह की महिलाओं के लिए कर्मभूमि ,

गौठान बन रहा स्व सहायता समूह की महिलाओं के लिए कर्मभूमि , ग्राम पंचायत गोपालपुर विकास की नई गाथा लिख रहा (1) मनरेगा से 3 एकड़ भूमि पर हुआ है गठन का निर्माण (2) गौठान में बने 25 अंकों में कर रहे हैं वर्मी कंपोस्ट और केंचुआ का उत्पादन। (3) सामुदायिक बाली के साथ-साथ नर्सरी में पौधा उत्पादन कार्य भी कर रही हैं महिलाएं

गौठान बन रहा स्व सहायता समूह की महिलाओं के लिए कर्मभूमि ,


गौठान बन रहा स्व सहायता समूह की महिलाओं के लिए कर्मभूमि ,                                                            ग्राम पंचायत गोपालपुर  विकास की नई गाथा लिख रहा   (1) मनरेगा से 3 एकड़ भूमि पर हुआ है गठन का निर्माण                                                               (2) गौठान में बने 25 अंकों में कर रहे हैं वर्मी कंपोस्ट और केंचुआ का उत्पादन।                                       (3) सामुदायिक बाली के साथ-साथ नर्सरी में पौधा उत्पादन कार्य भी कर रही हैं महिलाएं छुईखदान ,, छत्तीसगढ शासन के द्वारा संचालित योजनाएं से ग्रामीण अर्थव्यवस्था समृद्ध हो रही है साथ ही स्व सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक दृष्टिकोण से सशक्त भी हो रही हैं ऐसा ही दृश्य खैरागढ़ छुईखदान गंडई जिले में विकासखंड छुईखदान के ग्राम पंचायत गोपालपुर के आश्रित ग्राम कोडका में देखने को मिल रही है,,                                              40 नग टांको से हो रहा वर्मी कंपोष्ट का निर्माण ग्राम  कोंडका में 3 साल पहले महात्मा गांधी नरेगा योजना से गौठान निर्माण हुआ है ग्राम पंचायत की पहल पर चरणबद्ध तरीके से 25 वर्मी टांके के बनाने का कार्य हुआ है जिसमें महात्मा गांधी नरेगा योजना से कुल 15 नग कृषि विभाग से 10 नग वर्मी टांके का निर्माण हुआ है गौठान में कार्य करने वाले राधा कृष्णा स्व सहायता समूह की महिलाओं ने 25 वर्मी में अब तक कूल 791, 90 क्विंटल वर्मी खाद और 165 क्विंटल सुपर खाद का निर्माण किया है खाद विक्रय से अब तक उन्होंने 779660 लाख रुपए का अर्जन किया है जैविक खाद्य के साथ ही महिलाएं इसे तैयार करने में सहयोगी की चीजों का उत्पादन भी करने का मन बना रही हैं बीते 6 महीनों में 24 क्विंटल केंचुआ बनाने का लक्ष्य रखा है जिसमें लगभग चार लाख 62 हजार रुपए का मुनाफा होने का अनुमान लगाया जा रहा है।                     महात्मा गांधी नरेगा योजना से ही सामुदायिक बाड़ी हेतु गौठान में खाली पड़ी भूमि में से 1 एकड़ भूमि का भूमि सुधार करवाया गया जिसमें से पिछले 2 साल में ₹1 लाख का आय हुआ है इस साल आलू प्याज हल्दी टमाटर एवं अन्य सब्जियों का उत्पादन लिया गया है जो स्व सहायता समूह की महिलाओं को विकास दर परत आगे बढ़ाने के लिए यह योजना सफल हो रहा है।                                                   कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र छुईखदान के मार्गदर्शन में वर्तमान में गौठान में ही नहीं कुछ भूमि में महात्मा गांधी  नरेगा योजना से नर्सरी कार्य स्वीकृत करवा कर पौधारोपण की तैयारी का कार्य समूह की महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है इसमें कुल 40000 पौधे तैयारी हेतु ₹4 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई है वर्तमान में पौधारोपण की तैयारी करने पर मजदूरी राशि तो मिल ही रहा है भविष्य में जब पौधों को विक्रय किया जावेगा तब भी अतिरिक्त आय प्राप्त होगा जिससे स्व सहायता समूह की महिलाओं का लगातार विकास संभव है।       ,,,                                               राधा स्व सहायता  समूह के अध्यक्ष श्रीमती मीना साहू का कहना है कि अपने घरेलू कार्यों के साथ-साथ महात्मा गांधी नरेगा योजना से बने गौठान में जैविक खाद सामुदायिक बाड़ी मिनी राइस मिल के साथ-साथ नर्सरी कार्य भी कर रही हैं शासन की योजना से उन्हें आर्थिक लाभ हुआ है जिसके लिए वह माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी  को धन्यवाद देती हैं जिनके कारण वह आज आत्मनिर्भर बन गई हैं राधा स्वच्छता समूह की महिलाएं गौठान को कर्मभूमि मानकर कार्य कर रही हैं।।।

                                                                        

 (3) सामुदायिक बाली के साथ-साथ नर्सरी में पौधा उत्पादन कार्य भी कर रही हैं महिलाएं                                                                                 छुईखदान ,, छत्तीसगढ शासन के द्वारा संचालित योजनाएं से ग्रामीण अर्थव्यवस्था समृद्ध हो रही है साथ ही स्व सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक दृष्टिकोण से सशक्त भी हो रही हैं ऐसा ही दृश्य खैरागढ़ छुईखदान गंडई जिले में विकासखंड छुईखदान के ग्राम पंचायत गोपालपुर के आश्रित ग्राम कोडका में देखने को मिल रही है,, 40 नग टांको से हो रहा वर्मी कंपोष्ट का निर्माण ग्राम कोंडका में 3 साल पहले महात्मा गांधी नरेगा योजना से गौठान निर्माण हुआ है ग्राम पंचायत की पहल पर चरणबद्ध तरीके से 25 वर्मी टांके के बनाने का कार्य हुआ है जिसमें महात्मा गांधी नरेगा योजना से कुल 15 नग कृषि विभाग से 10 नग वर्मी टांके का निर्माण हुआ है गौठान में कार्य करने वाले राधा कृष्णा स्व सहायता समूह की महिलाओं ने 25 वर्मी में अब तक कूल 791, 90 क्विंटल वर्मी खाद और 165 क्विंटल सुपर खाद का निर्माण किया है खाद विक्रय से अब तक उन्होंने 779660 लाख रुपए का अर्जन किया है जैविक खाद्य के साथ ही महिलाएं इसे तैयार करने में सहयोगी की चीजों का उत्पादन भी करने का मन बना रही हैं बीते 6 महीनों में 24 क्विंटल केंचुआ बनाने का लक्ष्य रखा है जिसमें लगभग चार लाख 62 हजार रुपए का मुनाफा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। महात्मा गांधी नरेगा योजना से ही सामुदायिक बाड़ी हेतु गौठान में खाली पड़ी भूमि में से 1 एकड़ भूमि का भूमि सुधार करवाया गया जिसमें से पिछले 2 साल में ₹1 लाख का आय हुआ है इस साल आलू प्याज हल्दी टमाटर एवं अन्य सब्जियों का उत्पादन लिया गया है जो स्व सहायता समूह की महिलाओं को विकास दर परत आगे बढ़ाने के लिए यह योजना सफल हो रहा है। कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र छुईखदान के मार्गदर्शन में वर्तमान में गौठान में ही नहीं कुछ भूमि में महात्मा गांधी नरेगा योजना से नर्सरी कार्य स्वीकृत करवा कर पौधारोपण की तैयारी का कार्य समूह की महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है इसमें कुल 40000 पौधे तैयारी हेतु ₹4 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई है वर्तमान में पौधारोपण की तैयारी करने पर मजदूरी राशि तो मिल ही रहा है भविष्य में जब पौधों को विक्रय किया जावेगा तब भी अतिरिक्त आय प्राप्त होगा जिससे स्व सहायता समूह की महिलाओं का लगातार विकास संभव है। ,,, राधा स्व सहायता समूह के अध्यक्ष श्रीमती मीना साहू का कहना है कि अपने घरेलू कार्यों के साथ-साथ महात्मा गांधी नरेगा योजना से बने गौठान में जैविक खाद सामुदायिक बाड़ी मिनी राइस मिल के साथ-साथ नर्सरी कार्य भी कर रही हैं शासन की योजना से उन्हें आर्थिक लाभ हुआ है जिसके लिए वह माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को धन्यवाद देती हैं जिनके कारण वह आज आत्मनिर्भर बन गई हैं राधा स्वच्छता समूह की महिलाएं गौठान को कर्मभूमि मानकर कार्य कर रही हैं।।।