स्कूली बच्चों नें लिया मीना बाजार का आनंद

छुईखदान..स्कूली बच्चों नें लिया मीना बाजार का आनंद (मीनाबाजार वालों ने बच्चों के लिए किया दाम आधा-,और गरीब बच्चों को रियायत भी मिल गया ) छुईखदान-गत लगभग दो सप्ताह से यहां पर देश के अन्य शहरों से मीनाबाजार मंला लेकर व्यापारियों का डेरा लगा हुआ है,जिसमे हवाई झूला,रेलगाड़ी झूला (ड्रेगन),बैठक झूला,जंपिंग झूला,सहित निशानेंबाजी,गेंदबाजी,सहित चाट,गुपचुप,,नूडल्स,पान आदि का स्टाल लगा हुआ है जिसमें प्रतिदिन मीना बाजार के शौकीन अपनें परिवार सहित शाम ढलते ही आना शुरू हो जाते हैं,।

स्कूली बच्चों नें लिया मीना बाजार का आनंद

स्कूली बच्चों नें लिया मीना बाजार का आनंद

(मीनाबाजार वालों ने बच्चों के लिए किया दाम आधा---

और गरीब बच्चों को रियायत भी मिल गया )

छुईखदान=-=-गत लगभग दो सप्ताह से यहां पर देश के अन्य शहरों से मीनाबाजार मेला लेकर व्यापारियों का डेरा लगा हुआ है,जिसमे हवाई झूला,रेलगाड़ी झूला (ड्रेगन),बैठक झूला,जंपिंग झूला,सहित निशानेंबाजी,गेंदबाजी,सहित चाट,गुपचुप,,नूडल्स,पान आदि का स्टाल लगा हुआ है जिसमें प्रतिदिन मीना बाजार के शौकीन अपनें परिवार सहित शाम ढलते ही आना शुरू हो जाते हैं,।

     परन्तु एक आनंदमय उत्साह मय उमंग भरे बचपन को आज भी याद दिलानें वाले इन मीनाबाजार व्यापारियों के व्यापार को इतना जनसमर्थन नही मिल पा रहा है जितनें में उनके आनें जाने और रोजी का जुगाड़ हो जाए जिसके चलते उनमें निराशा की स्थिति बनी हुई है यह भी सच है कि जब कस्बाई क्षेत्र में एैसे आयोजन कर्ताओं का आगमन होता है तो स्थानीय निवासियों की जवाबदारी बनती है कि एैसे व्यापारियो को भरपूर समर्थन और व्यापार दें।

       मीनाबाजार व्यापारियो की इन्ही निराशा को देखते हए यहां आत्मानंद स्कूल के शाला पालक संघ के अघ्यक्ष एवं जिला प्रेस क्लब के अध्यक्ष हरिभूमि पत्रकार सज्जाक खान ने पहल करते हुए बीच का रास्ता निकालते हुए मीना बाजार वालो से आग्रह किया कि यहां स्थित आत्मानंद स्कूल के छात्र-छात्राओ के लिए यदि किसी प्रकार की रियायत की जाए तो निश्चित ही एक अच्छा समर्थन और व्यापार की उम्मीद की जा सकती है श्री खान के इस प्रस्ताव को मीनाबाजार वालों नें स्वीकार कर लिया वही शाला प्रशासन एवं प्राचार्य श्री हिरान्तक द्विवेदी जी के सामने मीना बाजार वालों एक अनुरोघ किया जिसे के प्राचार्य ने भी स्वीकुति प्रदान कर देनें से यहां अघ्यनरत छात्र छात्राओ ने मनभर मीनाबाजार का लुफ्त उठाया साथ ही मीनाबाजार वालों को भी अच्छा व्यापार हो गया खास बात यह रही कि स्कूली बच्चों के उत्साह व समर्थन को देखते हुए बाजार प्रबंधक की ओर से गरीब बच्चों को मुफ्त में मीना बाजार के सारे झूला,जम्पिंग आदि का आनंद का भी अवसर दिया गया जिसे लेकर पालक संघ में खुशीयां देखने को मिल रही है वही मीना बाजार वालों के प्रयासों की सराहना क्षेत्र में की जा रही है।

     उक्त अवसर पर शाला के प्राचार्य श्री हिरान्तक द्विवदी ने बताया कि मीनाबाजार समाज के बीच मे केवल व्यापार ही नही करता अपितु समाज को एक स्वस्थ मनोरंजन देकर भी जाता है जो दशकों तक हमे याद रहता है,आज भी हम जब मीनाबाजार जाते हैं तो अपने बचपन को याद करते हैं कि हमारा बचपन कितना उमंग भरा उत्साह भरा था किसी प्रकार की चिंता नही होती थी वही यादें आज ताजा हो गई हैं हम मीना बाजार के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।

            बच्चों की ख़ुशी हमारी खुशी है -शाहनवाज मोईन जावेद 

इस संबंध में मीना बाजार के संचालक और व्यवस्थापक शाहनवाज भाई मोईन भाई जावेद भाई ने कहा कि यह हमारा व्यवसाय है। हर कोई दो पैसा ज्यादा कमाना चाहता है। लेकिन हमने गरीबी को अपने साथ चलते देखा है। इसलिए हमारी भी इच्छा है। सभी को खुशी मिले। हमारी किश्मत तो परदिगार के हाथों में है।जो कभी किसी का हक नहीं छिनता ।।

          

  गुल्लक से निकालकर लाए पैसे से झुला झाुलने में मजा आ गया

                    क्लाश थ्री में अध्ध्यन रत छात्र मो.आजम खान और पूरब अर्थ सार्वा उसके दोस्तो ने बताया जैसे ही कल पता चला कि मीना बाजार यहां से जाने वाला है। तो अच्छा नही लगा । लेकिन क्लाश के आखिरी परेड के समय टीचर ने बताया कि कल सभी बच्चों के लिए मीना बाजार में आधा दाम कर दिया है। जो बच्चे मीना बाजार का आनंद लेना चाहते है। वो कल अपने मम्मी पापा से पैसे लेकर आयेंगे।ऐसा सुनते ही मन में मीना बाजार जाने की खुशी दुगना हो गया और हम कल का इंतजार करने लगे। कि कब स्कुल की छ्रुट्टी हो और हम मीना बाजार जांए।हमने मीना बाजार घुमने के लिए अपने गुल्लक से पैसा निकाल कर पहले से रख लिए थे।

          आज के मीना बाजार में स्कुल के शिक्षको ने स्कुल के छुट्टी होने के बाद भी मीना बाजार पर रुके रहे और सभी बच्चों को मीना बाजार लेकर गए और सभी बच्चों को मीना बाजार का आनंद दिलाए।

                   शिक्षकों ने दिखायी दयालुता

मीना बजार मेँ कैच्चों के साथ उनके टीचर भी थे कई बच्चे ऐसे थे जिनके पास पैसे नहीं थे उनको शिक्षकों ने अपना पैसा देकर मीना बाजार मेँ झूला अन्य स्टालो मेँ घुमाया,,जिससे छात्र छात्राओं मे ख़ुशी की लहर दौड़ गई l छात्रों ने अपने शिक्षकों को धन्यबाद ज्ञापित किया l