विकसित भारत के लिए योग दर्शन बहुत प्रासंगिक डॉ भगवंत सिंह

विकसित भारत के लिए योग दर्शन बहुत प्रासंगिक डॉ भगवंत सिंहl इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में 'योग-दर्शन की प्रासंगिकता' विषय पर व्याख्यान संपन्न खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में विकसित भारत अभियान के अंतर्गत 'योग दर्शन की प्रासंगिकता' विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।

विकसित भारत के लिए योग  दर्शन बहुत प्रासंगिक     डॉ   भगवंत सिंह

विकसित भारत के लिए योग दर्शन बहुत प्रासंगिक डॉ भगवंत सिंहl

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में 'योग-दर्शन की प्रासंगिकता' विषय पर व्याख्यान संपन्न

खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में विकसित भारत अभियान के अंतर्गत 'योग दर्शन की प्रासंगिकता' विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ. भगवंत सिंह ने 'विकसित भारत @ 2047' के संदर्भ में योग के महत्व को विस्तार से समझाया। कार्यक्रम में संगीत संकाय के अधिष्ठाता प्रो डॉ नमन दत्त, दृश्य कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो डॉ राजन यादव समेत विश्वविद्यालय परिवार शामिल हुआ।

कार्यक्रम के संयोजक व इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के योग अनुदेशक डॉ. अजय पांडेय ने बताया कि कुलपति पद्मश्री डॉ ममता (मोक्षदा) चंद्राकर के संरक्षण और मार्गदर्शन तथा कुलसचिव प्रो डॉ नीता गहरवार के निर्देशन में यह ज्ञानवर्धक कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें विद्यार्थियों और शोधार्थियों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया। मुख्य वक्ता डॉ. भगवंत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि योग शारीरिक और मानसिक के साथ-साथ अब आर्थिक विकास में भी सहायक हो रहा है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के संदर्भ में योग अत्यंत प्रासंगिक है। 

इस कार्यक्रम की एक विशेष बात यह भी रही कि विश्वविद्यालय के योग केंद्र के विद्यार्थियों ने योग के आसन और मुद्राओं पर आधारित मॉडल की प्रदर्शनी लगाई। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों

ने योग पर आधारित एक नृत्य की भी प्रस्तुति दी। मुक्त मेहर, राशि चौधरी, हर्ष अग्रवाल, नितिन मेहरा, बबीता विश्वकर्मा, अनुपम सिंह, कुसुम सोनी, मयंक पाटिल और चंदन निर्मलकर आदि की प्रस्तुति को खूब सराहना मिली। कार्यक्रम का संचालन योग केंद्र के प्रभारी डॉ. अजय पांडेय ने किया।