चाय वाले बाबा ने 19 वर्षों बाद किया पारणा

चाय वाले बाबा ने 19 वर्षों बाद किया पारणा शिष्यों ने मनाया 35 अवतरण दिवस शिष्यों के अनुरोध पर भिलाई में हुआ भव्य आयोजन

चाय वाले बाबा ने 19 वर्षों बाद किया पारणा

चाय वाले बाबा ने 19 वर्षों बाद किया पारणा

      शिष्यों ने मनाया 35 अवतरण दिवस 

शिष्यों के अनुरोध पर भिलाई में हुआ भव्य आयोजन

छुईखदान***चाय वाले और चावल वाले बाबा के रूप में प्रसिद्ध आचार्य पं. नरेन्द्र नयन शास्त्री के भक्तों ने उनका अवतरण दिवस पंजाबी मैरिज पैलेस सेक्टर 5 भिलाई में मनाया। इस मौके पर आचार्य पं. नरेन्द्र नयन शास्त्री ने लगभग 19 वर्षों का अपना कठोर उपवास तोड़ते हुए फलाहार ग्रहण करना शुरु किया। वे इतने वर्षों तक केवल चाय पर ही निर्भर रहे।

      संघर्ष प्रेणादायक होता है,,,, आचार्य नरेंद्र नयन शास्त्री 

     

          आज आचार्य शास्त्री ने अपने विशिष्ट उद्बोधन में आज अपने प्रारंभिक संघर्षमय जीवन का उल्लेख किया जो भक्तों के लिए रोंगटे खड़े करने वाला था। साथ ही प्रेरणादायक भी कि संघर्ष के दिनों में अपना हौसला नहीं खोना चाहिए। ईश्वर के प्रति सच्ची निष्ठा और नीयत साफ हो तो ईश्वर का आशीर्वाद जरूर मिलता है। आचार्य शास्त्री ने डॉ. अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी श्रीमती श्रद्धा मिश्रा को अपने माता पिता का दर्जा देते हुए बेहद भाव भरा उद्बोधन दिया।

        इस मौके पर आचार्य शास्त्री ने कहा कि आजकल अपना जन्मदिन होटलों में मनाने का प्रचलन बढ़ गया है। ऐसा करने वाले अपनी उम्र एक वर्ष घटा लेते हैं। यदि हम इस दिन मंदिर में जाकर ईश्वर से आशीर्वाद लें तो हमारी उम्र एक वर्ष बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि आज गुरु मिलना दुर्लभ नहीं है लेकिन उनसे ज्ञान मिलना दुर्लभ है। ज्ञात हो कि आचार्य शास्त्री अपने भागवत कथा में एकत्रित दान राशि का एक रुपया भी नही ले जाते हैं, उन्हीं पैसों से जरुरत मंदों कि मदद करते हैं,।

  

      आचार्य शास्त्री के आगमन पर उनके भक्तों ने भव्य आतिशबाजी पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। साइंस कालेज दुर्ग के भूगोल के विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल मिश्रा एवं अन्य शिष्यों के विशेष आग्रह पर उन्होंने अपना अवतरण दिवस भिलाई में मनाने की सहमति उन्होंने दी थी। उनके स्टेज में पहुंचने पर भक्तों ने पूरी श्रद्धा के साथ उनकी आरती उतारी। इसके बाद क्रमशः उनका आशीर्वाद लिया। भक्तों के आग्रह पर उन्होंने केक भी काटा,

 भक्तों ने कहा, आचार्य शास्त्री के‌ चमत्कारों की लंबी श्रृंखला है

 कार्यक्रम में शिष्यों ने भी अपने विचार रखे- मोनिका सिंह, श्रीमति पद्मा देवी सिंह , देवराज किशोर दास ,स्वाति अग्रवाल, निर्मल सिन्हा, संजीव दुबे, बीके सिंह ने आचार्य शास्त्री से संबंधित उन्होंने कई विशेष अनुभव सुनाते हुए कहा कि उनके चमत्कारों दुखी परिवारों का दुख हर कर उनके जीवन में खुशहाली ला दी। आज पूरे छत्तीसगढ़ से उनके भक्त उनको शुभकामनाएं देने, उनका आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। आज के कार्यक्रम में डॉ. अनिल-श्रद्धा मिश्रा, श्रीमती दिप्ती दुबे, वेदांत दुबे, श्रीमती श्रद्धा दुबे, नीलम बक्शी,सचिन महोबिया,परेश बक्शी ,भरत कुंभकार,आयश सिंह बोनी, मुकेश वैष्णव,मोनी सिंह श्रीमति पार्तीका संजय महोबिया, प्रमोद सिंह, ललित महोबिया, सन्नी साहु, अंकित अग्रवाल, विशाल अग्रवाल शरद श्रीवास्तव समेत अनेक छुईखदान खैरागढ़ सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों से आए भक्त और शिष्य गण उपस्थित थे। 

                 गुरु जी हमारे पालक समान है  

           छोटे राजा देवराज किशोर दास ने कहा कि आचार्य शास्त्री जी 19 वर्षों तक अन्न का त्याग कर केवल चाय पी कर ही लोगों कि सेवा करते रहे हैं, गुरु जी का पारणा करने का निर्णय से हम सभी शिष्यों में हर्ष व्याप्त है, गुरु देव जी के पारण करते हुए देख मन आनंदित हो गया है मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मैं इस

का साक्षी बना हु गुरु जी कथा से प्राप्त राशि को वे साथ नहीं ले जाते। वे इस राशि का उपयोग निर्धन कन्याओं के विवाह के लिए करते हैं। वे अब तक 327 निर्धन कन्याओं का विवाह करा चुके हैं। कई निर्धन विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए उन्होंने आर्थिक मदद की है।