रानी अवंती बाई लोधी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र छुईखदान में संविधान दिवस का आयोजन

रानी अवंती बाई लोधी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र छुईखदान में संविधान दिवस का आयोजन छुईखदान। रानी अवंती बाई लोधी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द, छुईखदान में ‘‘राष्ट्रीय संविधान दिवस‘‘ का आयोजन किया गया।

रानी अवंती बाई लोधी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र  छुईखदान में   संविधान दिवस   का आयोजन

रानी अवंती बाई लोधी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र छुईखदान में संविधान दिवस का आयोजन 

छुईखदान। रानी अवंती बाई लोधी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द, छुईखदान में ‘‘राष्ट्रीय संविधान दिवस‘‘ का आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. ए. के. गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा कि हर भारतीय नागरिक के लिए संविधान दिवस बेहद गर्व का दिन है। कोई भी देश बिना संविधान के नही चल सकता। यह संविधान ही है जो अलग अलग धर्म व जातियों की भारत के 140 करोड़ की आबादी को एक देश की तरह जोड़ता है। साथ ही बताया कि संविधान देश के हर नागरिक को आजाद भारत में रहने का समान अधिकार देता है। 

कार्यक्रम का संचालन करते हुए रासेयो कार्यक्रम अधिकारी एवं सहायक प्राध्यापक डॉ. ओम नारायण वर्मा ने डॉ अम्बेडकर के शिक्षा के बारे में बताते हुए कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर को ‘‘सिम्बॉल ऑफ नॉलेज‘‘ कहा जाता है। साथ ही बताया कि संविधान निर्माण के साथ-साथ बाबा साहेब की अन्य भूमिका जैसे-रोजगार कार्यालय का निर्माण, मतदान का अधिकार, सेन्ट्रल सिंचाई आयोग का गठन, श्रमिक कल्याण कोष, ट्रेड युनियन्स को मान्यता, वित्त आयोग का गठन, भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना, एवं अन्य विषयों पर उनकी अहम भूमिका के बारे में बताया तथा संविधान दिवस पर हमें जीवन भर अपने मौलिक कर्तव्य और देश का कानून का पालन करने हेतु प्रेरित किया इसी क्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. ओम प्रकाश सोनवानी एवं डॉ. उत्तम कुमार ने संविधान दिवस के बारे में अपने विचार व्यकत किये। 

महाविद्यालय के समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों व छात्र-छात्राओं द्वारा संविधान उद्देशिका का पाठन किया गया एवं छात्र-छात्राओं द्वारा भारतीय संविधान का महत्व पर भाषण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय के श्री कोमल गांवरे, पूर्णिमा निषाद व बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थिति थे।