पागलों की बड़बड़ सहित अमानवीय हरकतों से जनता परेशान

पागलों की बड़बड़ सहित अमानवीय हरकतों से जनता परेशान (पुलिस प्रशासन,स्थानीय प्रशासन बेबस,जनता परेशान,गंभीर घटना की प्रतीक्षा ) छुईखदान-आज पूरा नगर बाहर शहर और गांवों से आए हुए पागलों की बड़बड़ व गंभीर घटना को आमंत्रित करनें वाले हरकतों से परेशान है,कोई किसी के वाहन की कांच का तोड़ देता है,तो काई किसी की दुकान से कुछ निकालकर खा लेता है।,आनें जाने वाले माताओं बहनों सहित स्कूल की ओर आने जाने वाले छात्राओं को दौड़ा देना,फालतू कचरों को इकट्टा कर आग लगाकर चले जाना,किसी भी दुकानदार के दुकान के सामने ंबारह-बारह घंटों तक अनाप शनाप बड़बडाते रहना इन पागलों के लिए अंामं बात हो गई है तो अपने ंकाम काज से ध्यान खो बैठे दुकानदारों व पक्षकारों के लिए मुसीबत का कारण बन गया है।,लोग अब परेशान हो चले हैं,

पागलों की बड़बड़ सहित अमानवीय हरकतों से जनता परेशान

पागलों की बड़बड़ सहित अमानवीय हरकतों से जनता परेशान

(पुलिस प्रशासन,स्थानीय प्रशासन बेबस,जनता परेशान,गंभीर घटना की प्रतीक्षा )

छुईखदान-आज पूरा नगर बाहर शहर और गांवों से आए हुए पागलों की बड़बड़ व गंभीर घटना को आमंत्रित करनें वाले हरकतों से परेशान है,कोई किसी के वाहन की कांच का तोड़ देता है,तो काई किसी की दुकान से कुछ निकालकर खा लेता है।,आनें जाने वाले माताओं बहनों सहित स्कूल की ओर आने जाने वाले छात्राओं को दौड़ा देना,फालतू कचरों को इकट्टा कर आग लगाकर चले जाना,किसी भी दुकानदार के दुकान के सामने ंबारह-बारह घंटों तक अनाप शनाप बड़बडाते रहना इन पागलों के लिए अंामं बात हो गई है तो अपने ंकाम काज से ध्यान खो बैठे दुकानदारों व पक्षकारों के लिए मुसीबत का कारण बन गया है।,लोग अब परेशान हो चले हैं, पुलिस प्रशासन ,स्थानीय प्रशासन आदि से कार्यवाही की अपेक्षा में है क्योंकि इन पागलों की हरकत अमूमन तहसील न्यायालय,पुलिस थाना,जनपद कार्यालय जयस्तंभ चौक,विद्युत विभाग कार्यालय,बस स्टैण्ड,व स्कूलों के सामने जैसे भीड़ भाड़ वाले इलाकेा में ज्यादा देखी जा रही है,परन्तु खेद का विषय यह है कि इसी मार्ग से क्षेत्र के तमाम अधिकारीयों कर्मचारियों सहित जिम्मेदार लोगों का आना जाना है परन्तु ए सी के बंद वाहनों से इनसे न तो पागलों की हरकत देखी जा रही है और ना ही इनकी फब्तीयां सुनाई देती है।

          ( गाली गलौच,गंभीर घटना मे वृद्धि लगभग आधा दर्जन पागल नगर मे )

        इस समय नगर में लगभग आधा दर्जन पागलों को विचरण करते द ेखा जा सकता है।ं,या किसी के भी मकान के सामनें अपना डेरा डाल देते हैं,इसके अलावा विभिन्न शासकीय कार्यालयों या उनके गोदामों रिकार्ड कक्षों खुला होटल आदि के अहातो पर अपना आशियाना बना रखे हैं जबकि ठंड और ग्रीष्म काल में ये पूरी रात नगर में घूम घूमकर गाली गलौच अशोभनीय हरकतें और लगातार बड़बड़ाते रहते हैं जिसे लेकर न केवल नागरिकगण मानसिक रूप से परेशान है साथ ही भयभीत भी है कि न जाने इन पागलो द्वारा कब किससे गभीर हरकत कर दें ? साथ ही इनके द्वारा कही भी अपनी सुविधा व धुन से कचरा इकट्ठठा कर आग भी लगा दिया जाता है जबकि एक पुरूष पागल द्वारा अनेंको लोगों के चार पहिया दो पहिया वाहनो के शीशे तोड़े जाने की खबर है विशेषकर शासकीय भवनो के आसपास जिसे लेकर स्पष्ट है कि शासन प्रशासन गंभीर नही है।

                ( स्कूलो न्यायालय थाना जाने के मार्ग पर विशेष दस्तक )

     इन पागलो का मुख्य हरकत स्थल ठीक तहसील न्यायालय,जनपद कार्यालय पुलिस थाना काार्यालय सहित स्वामी आत्मानंद स्कूल जाने के मार्ग पर डेरा लगा रहता है जहां पर ये पागल खड़े होकर लगातार कुछ न कुछ बोलते रहते हैं या गाली गलौज करते रहत है। जिनके चुप नही होनें से मार्ग पर पड़ने वाले दुकानदारो व ग्राहकों का ध्यान सहसा इन पागलो की हरकतो और बड़बड़ाने की ओर चला जाता है हिसाब किताब लेन देन बिगड़नें लगा है साथ ही इसी मार्ग मे पड़ने ंवाले स्वामी आत्मानंद स्कूल के छात्र छात्राओं मे भय का वातावारण भी व्याप्त है कहना ना होगा कि यदि इनकी हरकतो पर लगाम लगाने की कार्यवाही नही हुई तो लोगों का विद्रोह जिला कार्यालय का दरवाजा खटखटानें पर विवश होगा।

        लोगों ने शासन प्रशासन से अपील एवं विश्वास किया है कि तत्काल इस नगर ,यहां पर आने वाले छात्र छात्राओ गृहिणीयो पक्षकारों अधिकारीयो कर्मचारियो केा इन पागलो से निजात दिलाने की दिशा मे सार्थक कार्यवाही करेंगे।

                           पुलिस प्रशासन मौन क्यों

 वैसे इस मामले को लेकर नगरवासी कई मर्तबा पुलिस को टेलीफोनिक और मौखिक शिकायत कर चुके है। लेकिन पुलिस को इस मामले से कासेई लेना देना नहीं होगा। शायद इसी लिए कोई कार्यवाही नहीं कर रहे है। अगर किसी नगर या क्षेत्रवासी से गुस्से में कोई झाटना घट जाती है। तो आम नगारिक दोषी कहलाएंगे। जिसे लेकर शायद पुलिस प्रशासन किसी दुर्घटने का

 इंतजार कर रही है।